रांची: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आच्छादित 80 करोड़ लाभुकों के बीच प्रतिमाह अनाज का वितरण करने वाले देशभर के पांच लाख से अधिक राशन डीलर कमीशन में बढ़ोतरी करने, शासन-प्रशासन से जारी होने वाले आदेशो में मानवीय पहलुओं की अनदेखी कर जारी करने समेत अन्य मांगो को लेकर विगत एक जनवरी 2024 से बेमियादी हड़ताल पर है। झारखंड में भी 25 हजार से अधिक राशन डीलर/स्वयं सहायता समूहों की बहने अपने परिवार को भुखमरी के कगार से मुक्त कराने को लेकर हड़ताल में शामिल है। जिसके कारण 2024 की पहली जनवरी से ही राशन केंद्रों के बाहर ताले लटके है।
इस संदर्भ में ऑल इंडिया फेयर प्राइस डीलर्स फेडरेशन के राज्याध्यक्ष ओंकार नाथ झा, प्रदेश सचिव राजेश बंसल ने गुरुवार को फोन पर इस बाबर विस्तार से बताया कि झारखंड में 98% पीडीएस डीलर अपनी हक और अधिकार के लिए हड़ताल में शामिल हुए है।
संघ के नेताओं ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों को देश की सबसे बडी और सफल खाद्य सुरक्षा योजना को संचालित करने वालों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण डीलरों को अपनी रोजी रोटी के लिए विवश होकर हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ता है। संघ के नेताओं ने कहा कि केंद्र व राज्यों की सरकारें समावेशी विकास के रास्ते चल रही है इसपर हमारा कोई विरोधाभास नहीं है। लेकिन सरकारे, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, कृषि, व अन्य विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने को लेकर योजनाओं के जरिए आर्थिक मदद कर रही है फिर कोटेदारों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों मनाया जाता है? कोटेदार भी तो समाज के अंग है। जो विश्व की सबसे बडी खाद्य सुरक्षा योजना का 2014 से ही सफल संचालन कर रहे है।
सरकार ने संज्ञान नहीं लिया मजबूरन हड़ताल करनी पड़ी: ओंकार नाथ झा
हड़ताल कर गरीबों के राशन प्रभावित करने के बाबत संघ के नेताओं ने कहा कि पिछले एक साल से उनका चरणबद्ध आंदोलन के तहत धरना-प्रदर्शन-शासन प्रशासन के जरिये मांगों को लेकर ज्ञापन देने का आंदोलन चलता रहा है। जब सरकार ने संज्ञान नहीं लिया तो मजबूरन में हड़ताल का आह्वान करना पडा है। मांगो के बाबत झा ने कहा कि गरीब कल्याण योजना के तहत 10 से 14 माह का कमीशन बकाया है। इसके अलावा महीनो का रेगुलर राशन वितरण का कमीशन भुगतान में टाल मटोल किया जाता है। अनुकंपा के प्रावधानों में बदलाव करने से अनेक मृत डीलरों के आश्रित भुखमरी के कगार पर है। गोदाम में अनाज की चोरी/कटौती को रोकने में विभाग नाकाम रहा जिसका खामियां भी गरीब डीलरों को भुगतना पड़ता है। ई-पॉश मशीन में नेटवर्क नहीं रहता, निम्न स्तर का ई-काटा आए दिन बिगड़ता रहता है जिसका जिम्मेदार भी लाचार डीलरों को ठहराया जाता है। जो मानवीय स्तर से व्यवहारिक नही है।
कमीशन राशि व्यवहारिक नही: राजेश बंसल
संघ के प्रदेश सचिव राजेश बंसल ने कहा कि राशन डीलर शासन – प्रशासन के अंग है। सरकार के सामुदायिक सेवाओं में डीलर आदेशों का निष्ठा से पालन करते है। लेकिन सरकार द्वारा डीलरों को क्या मिलता है। खुदरा बाजार में 70, 80 रुपये किलो की दाल में डीलरों को महज एक रुपया कमीशन मिलता है जब कि आम प्रचलन में एम रुपये का लेन देन लगभग नहीं के बराबर होता है। इसी तरह 100-150 रुपये की धोती साड़ी लूंगी का कमीशन महज तीन रुपया निर्धारित है जिसमे गोदाम से दुकान तक लाने का ट्रांसपोर्ट भी शामिल है। बावजूद डीलर सरकार के साथ खड़े होकर वितरण करते है। लेकिन ऐसे में डीलर हड़ताल नहीं करे तो क्या करे!
राशन डीलरों की कमीशन शीघ्र बढ़ेगी: विधायक सुदिव्य कुमार
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय नेता गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार झारखंडी आवाम के हक और अधिकार एवं उनके जीवन स्तर में सुधार को लेकर लगातार यथा संभव कार्य कर रही है। अपनी सरकार के चौथी सालगिरह के मौके पर राजधानी रांची में आयोजित समारोह में सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य भर के राशन डीलरो की कमीशन बढोतरी को लेकर घोषणा की है जो स्वागत योग्य है। उन्होने स्पष्ट किया कि वे खुद उनकी वाजिब मांगों को लेकर गंभीर है इस संदर्भ में सीएम से कई चरणों में बात हुई है उनके संज्ञान में है। और सरकार काम कर रही है। सोनू ने विश्वास व्यक्त किया की शीघ्र राज्यभर के पीडीएस डीलरो की कमीशन में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा का राज्य हित में हड़ताल वापस लेने पर भी विचार करने की जरूरत है।