ताज़ातरीननफ़रत के ख़िलाफ़

छत्तीसगढ़: कानून का शासन चलेगा या होगी गाय के नाम पर मॉब लिंचिंग?

भारत आज बीफ निर्यात के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है और विदेशी मुद्रा अर्जन का ये एक बड़ा साधन है। सभी निर्यातक कंपनियां हिंदुओं की है, जिनसे हजारों करोड़ रुपए भाजपा ने इलेक्टोरल बांड के जरिए अपने चुनाव फंड के लिए अवैध रूप से बटोरे हैं। जब हिंदुओं की बीफ कंपनियां चल सकती हैं, तो मवेशियों के व्यापार के जरिए अपनी रोजी रोटी चलाने वाले अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला और उनकी हत्याएं किस तरह जायज ठहराई जा सकती है? बीफ कंपनियों से चुनावी चंदा लेना और गाय के नाम पर मुस्लिमों की सुनियोजित हत्याएं 'राष्ट्रवाद और राष्ट्रभक्ति' की किस श्रेणी में आती है?

संजय पराते

The author is the former secretary of Chhattisgarh CPI-M

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button