विनोद सिंह हर जाति, धर्म और वर्ग के लिए हैं। उन्होंने सभी समीकरण को तोड़ दिया है- दयामनी बारला
विनोद सिंह एक जननेता हैं, उनकी ताकत पैसों पर भरी पड़ेगी। कोडरमा सीट पर सारे लोगों का कहना है की जाति-धर्म से ऊपर उठ कर देश को बचाने के लिए, संविधान को बचाने के लिए लोग वोट कर रहें
कोडरमा: दयामनी बारला, वैसे तो कांग्रेस से जुड़ गई हैं, पर आज भी उनकी पहचान झारखंड के सबसे जुझारू सामाजिक कार्यकता के तौर पर होती है। वो आदिवासी सवालों को उठाने वाली देश की सबसे प्रमुख सामाजिक कार्यकता हैं। वो दो दिनों तक कोडरमा में थीं और इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी विनोद सिंह के लिए उन्होने प्रचार किया। इससे पहले दयामनी ने खूंटी में भी इंडिया के उम्मीदवार के लिए काम किया था।
जब वो वापस लौट रही थी तो ईन्यूज़रूम ने उनसे बात की, जानिए कोडरमा जिस पर अब देश की नज़र है, में दयामनी बारला ने क्या देखा, महिला मतदाताएं क्या सोच रही हैं, इंडिया गठबंधन का ज़मीनी सवरूप और क्या जाति समीकरण, पैसों और संसाधन की कोई बाधा तो नहीं।
ईन्यूज़रूम: कोडरमा की सांसद महिला हैं और शिक्षा मंत्री भी, क्या महिलाओं की शिक्षा के लिए कुछ काम हुआ लोकसभा क्षेत्र में? कोई और दूसरे काम हुए, जो आप देख और समझ पायीं।
दयामनी बारला: जो मैंने महिलाओं से बात की और उनकी जमीनी हक़ीक़त को जाना तो पायी कि कोडरमा लोकसभा में महिला और पुरुष के शिक्षा का अंतर 25-30 प्रतिशत है, जो काफी बड़ा है। देश में मोदी जी कहते हैं कि डिजिटल इंडिया के नाम पर तमाम चीजें बदल रही हैं, वहीं महिलाओं के शिक्षा में ये इलाका आदिवासी क्षेत्र जैसा ही पिछड़ा हुआ है।
पर महिलाओं को ये जरूर उम्मीद जागी है कि विनोद सिंह ने अपने इलाके में शिक्षा में जो काम किया है और महेंद्र सिंह के काम का भी इतिहास रहा है इसलिए उनको भरोसा है कि उनका काम होगा। विनोद जी एक शहीद का बेटा और महिलाओं को लगता है कि वह उनका भी बेटा है अगर वह संसद जाएंगे तो महिलाओं के सवाल हल होंगे।
मजदूर क्लास की महिलाएँ सबसे ज्यादा उनसे जुड़ी हैं। वो ये मानती हैं कि विनोद सिंह और माले का अपना जो कल्चर है उसमें कहीं पर भी जातिभेद, वर्गभेद या महिला विरोधी सोच नहीं है, विनोद जी हर जाति, धर्म और वर्ग के लिए हैं। उनके दिमाग में ये बैठ चुका है। विनोद सिंह ने सभी समीकरण को तोड़ दिया है।
ईन्यूज़रूम: कोडरमा में आम लोगों के भी बहुत सवाल हैं। भले यहाँ 9 बार भाजपा या उससे जुड़े लोग सांसद रहें, पर ये कई पैमाने पर देश के सबसे पिछड़े क्षेत्र में शुमार होता है।
दयामनी बारला: विनोद सिंह के काम को झारखंड के तमाम लोगों ने देखा है, और लोग ये मानते हैं कि उनके जीतने से कोडरमा का विकास भी होगा, सामाजिक न्याय की भी बात होगी और शिक्षा के क्षेत्र में भी काम होगा।
ईन्यूज़रूम: इंडिया गठबंधन का असर जमीनी स्तर पर दिख रहा कोडरमा में?
दयामनी बारला: जो जाति समीकरण की बात हो रही थी, वो कांग्रेस के पास है, आरजेडी के पास है। साथ ही कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने से जेएमएम का भी पूरा समर्थन इंडिया के उम्मीदवार विनोद जी को मिल रहा है। यहाँ ख़ास कर ज़िक्र करना पड़ेगा हेमंत सोरेन जी का जो भाजपा के सामने झुके नहीं और कल्पना सोरेन को राजनीति में आना पड़ा।
तमाम जाति समीकरण को मिलने के लिए ही ये इंडिया गठबंधन है। अब विनोद जी के लिए कोई इफ-बट नहीं है, कोडरमा में उनके समर्थन और जीत को लेकर।
ईन्यूज़रूम: चूँकि मुक़ाबला भाजपा के साथ है, जिनके पास पैसों की कोई कमी नहीं, इलेक्टोरल बॉन्ड से भी ये पता चला कि आधा से ज्यादा चुनावी चंदा उन्हें ही मिला है, वैसे में माले के उम्मीदवार को दिक्कत तो नहीं आएगी?
दयामनी बारला: सबसे पहले तो ये बता दूँ कि इंडिया गठबंधन पूरे देश में सिर्फ 20-22 पार्टियों का जोड़ नहीं है, बल्कि इसे कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक देश के जितने भी सामाजिक, सांस्कृतिक और मजदूर संगठन का गठजोड़ है और इंडिया गठबंधन के पास वही ताकत जो बीजेपी का पैसों के वजह से ताकत है। विनोद सिंह एक जन नेता हैं, जन नेता की ताकत भी पैसों पर भारी पड़ेगी। कोडरमा सीट पर सारे लोगों का कहना है कि जाति-धर्म से ऊपर उठ कर देश को बचाने के लिए, संविधान को बचाने के लिए लोग वोट कर रहें।
मैं आपको खूंटी का उदाहरण दूँगी कि वहाँ भाजपा से अर्जुन मुंडा उम्मीदवार है जो, दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, अभी भी देश के मंत्री हैं, वो और उनकी पार्टी सभी तरीके से साधन सम्पन्न है, पर वो खूंटी से चुनाव हार रहे हैं।
कोडरमा की जनता बदलाव चाह रही है और 81 विधानसभा वाले झारखंड में, विनोद सिंह, जो पूरे झारखंड की आवाज़ बनते हैं, उन्हें लोग संसद पटल पर देश की आवाज़ बनते देखना चाह रहे।
ये चुनाव बदला है आम आदमियों का भाजपा से। भाजपा जब से आई है सत्ता में तब से सिर्फ विपक्ष के नेताओं पर ही जांच एजेंसियों की कार्यवाई होती है। खुद बड़ा से बड़ा भ्रष्टाचार जैसे इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कर रहें उसपे कोई कार्यवाई नहीं और दूसरों को भ्रष्ट दिखाने पर तुले हुए हैं, जनता इसका, उनकी नफरत की राजनीति का, महँगाई का, सबका जवाब कोडरमा और झारखंड के दूसरे लोकसभा क्षेत्र में देगी इस चुनाव में।