कला एवं संस्कृति

कस्तूरी: पद्म भूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट का टैगोर को श्रद्धांजलि

तबला और स्पेनिश गिटार के सुरों का मिलन। टैगोर की विरासत की पुनर्कल्पना है "कस्तूरी"

दिल्ली: राजधानी एक अनोखी सांस्कृतिक शाम के इंतजार में है। 12 मार्च को, प्रतिष्ठित कमानी ऑडिटोरियम, रवीन्द्र नाथ टैगोर की विरासत और भारतीय शास्त्रीय संगीत की मंत्रमुग्ध कर देने वाली सुंदरता को समर्पित शाम की मेजबानी करेगा।

स्टार आकर्षण कोई और नहीं बल्कि पद्म भूषण प्राप्तकर्ता और ग्रैमी पुरस्कार विजेता पंडित विश्वमोहन भट्ट होंगे। मोहन वीणा पर उनकी महारत से एक अविस्मरणीय प्रदर्शन की उम्मीद है। सांस्कृतिक कार्यकर्ता संदीप भूतोरिया ने, “कस्तूरी” नामक कार्यक्रम को संजोया है टैगोर के कालातीत कार्यों के लिए एक श्रद्धांजलि है। यह शो प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।

प्रतिभाओं के इस संगम में पंडित विश्वमोहन भट्ट के साथ प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना शिंजिनी कुलकर्णी भी होंगी। प्रतिभाशाली गायिका अंकिता जोशी,, टैगोर की भावपूर्ण कविता को अपनी आवाज देंगी।

कार्यकर्म में और भी कई कलाकार हैं जैसे, तबले पे पंडित राम कुमार मिश्र, की बोर्ड पर प्रवीण कुमार और रतन प्रसन्ना के स्पेनिश गिटार, जिससे पारंपरिक भारतीय ध्वनियों के साथ एक दिलचस्प मिश्रण का नज़ारा होने की भी उम्मीद है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार समारोह के बाद, ये सांस्कृतिक कार्यकर्म होगा, जिसका अनुभव करने के लिए भारतीय शास्त्रीय संगीत के चाहने वाले आस लगाए बैठे है। भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भूटोरिया का तीन दशकों का समर्पण इस कार्यक्रम की एक और ख़ास बात है।

“कस्तूरी” सिर्फ एक प्रदर्शन से कहीं अधिक विरासत और कलात्मकता का उत्सव है।

 

ये इंग्लिश में प्रकाशित लेख का अनुवाद है

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