झारखंड

नेताओं ने झारखंड की ज़मीन, जनता के हक़ के बदले सौंप दी कंपनियों को- झारखंड जनाधिकार महासभा

झारखंड अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है, लेकिन झारखंड आंदोलन के सपने पहले से कहीं ज़्यादा दूर हैं। इस अवसर पर, झारखंड जनाधिकार महासभा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं...

जिनसे लड़े, उनके बच्चों को भी अपनाया; कार्यकर्ताओं को तराशा, बहू को सशक्त किया: शिबू सोरेन की सियासत कुछ अलग थी

शिबू सोरेन ने न सिर्फ वंशवाद के आरोपों का जवाब अपने कार्यों से दिया, बल्कि ज़मीनी कार्यकर्ताओं और विरोधी वर्गों के लोगों को भी आगे बढ़ाया। उन्होंने संघर्ष, समावेश और नेतृत्व की मिसाल कायम की। गुरुजी की छाया में संजीव कुमार राज्यसभा पहुंचे और सुदिव्य मंत्री बने।

किताबों से निकले, जंगलों में लड़े, संसद तक पहुंचे—शिबू सोरेन की ज़िंदगी एक पाठशाला

साल 2005 में जब झारखंड में पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे थे, तब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)...

झारखंड: आफ़ताब अंसारी के क़ातिल कौन हैं?

रामगढ़: रामगढ़ ज़िला के एक विवाहित युवक आफताब अंसारी पर एक महिला द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाया...

धार्मिक आज़ादी पर मोदी सरकार का हमला: वक्फ संशोधन कानून संविधान, इतिहास और न्याय के खिलाफ़- झारखंड जनाधिकार महासभा

आज अम्बेडकर जयंती पर बाबासाहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के 1940 में दिए गए बयान को याद करने की...
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झारखंड मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना: क्या सोरेन सरकार की पहल से आदिवासी महिलाओं के पलायन और बच्चों के कुपोषण में कमी आयेगी?

रांची/कोलकाता: 2019 में, झारखंड विधानसभा के पांचवें कार्यकाल के लिए चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले गठबंधन (अब इंडिया ब्लॉक) ने पूर्ण बहुमत...

चंपई सोरेन नहीं छोड़ना चाहते थे मुख्यमंत्री पद- सूत्र

रांची/ कोलकाता: जुलाई के गठबंधन विधायक दल की बैठक में चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से इंकार कर दिया था, ईन्यूज़रूम...

भाजपा जॉइन करने के ख़बरों के बीच चंपई सोरेन सोशल मीडिया पर हो रहें ट्रोल

रांची: झारखंड में राजनीतिक हलचल इस अनुमान से बढ़ गईं है की पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी...

झारखंड के चुनावी रण में नई ताकत: एमसीसी का सीपीआईएमएल में विलय के बाद क्या बदलेगा समीकरण?

रांची: संयुक्त बिहार की सबसे पुरानी पार्टी मार्क्सवादी समन्वय समिति (एमसीसी) अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के नाम से जानी जायेगी। 1971 में धनबाद...

हेमंत सोरेन सरकार का फैसला: होमगार्डों को पुलिस के समान मिलेगा वेतन, लेकिन क्यों ये काफी नहीं?

रांची: 25 साल तक व्यवस्था से जूझने के बाद अब झारखंड के करीब 19,000 गृह रक्षकों को समान काम, समान वेतन कानून का लाभ...

गिरिडीह की रेलवे कनेक्टिविटी की आवाज़: 44 सालों बाद भी नहीं मिली मंजिल, सांसद सरफराज अहमद ने फिर उठाई संसद में मांग

दिल्ली/गिरिडीह: पिछले 44 सालों में गंगा में बहुत पानी बह गया। और गिरिडीह शहर भी बदल गया। नहीं बदली या बनी तो रेलवे मानचित्र...
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