झारखंड चुनाव: विनोद सिंह के विकास कार्य बनाम भाजपा के अडानी एजेंडे की टक्कर
'पढ़ेगा बगोदर, बढ़ेगा बगोदर’: विनोद सिंह का विकास मॉडल चुनावी चर्चा में। स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तिकरण, बगोदर चुनाव में विकास पर केंद्रित मुद्दे
बगोदर/गिरिडीह: “अब हम पोस्टमार्टम के लिए शव को गिरिडीह सदर अस्पताल नहीं भेजते। यह सुविधा अब बगोदर में ही उपलब्ध है। बगोदर का सरकारी अस्पताल बेहद प्रभावी ढंग से काम कर रहा है। उस स्तर का अस्पताल आप ग्रामीण क्षेत्रों में शायद ही कहीं पाएंगे,” सरिया थाना के एक सब-इंस्पेक्टर ने बताया।
गिरिडीह मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर, बगोदर पूरे झारखंड का एकमात्र ब्लॉक है जहाँ ट्रामा सेंटर और पोस्टमार्टम भवन है।
यदि शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ विकास का एक महत्वपूर्ण पैमाना है, तो बगोदर विधानसभा में न सिर्फ लोगों को इलाज मिल पा रहा है, बल्कि उच्च शिक्षा भी हासिल कर रहे हैं लड़के और लड़कियाँ। अन्य इलाकों की तरह यहाँ के छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता।
अपने प्रचार के अंतिम भाषण में बगोदर विधायक विनोद सिंह ने इसका ज़िक्र भी किया। 20 नवंबर को झारखंड में दूसरे और आखिरी चरण का मतदान होना है।
“कोविड के दो साल के दौर के बाद, पिछले तीन सालों में 9 हाई स्कूल, 9 इंटर कॉलेज, 3 डिग्री कॉलेज और 5 करोड़ की लागत से पुस्तकालय मिला। न्यायिक अनुमंडल का प्रस्ताव, कोविड के समय ऑक्सिजन प्लांट की स्थापना, बगोदर में ट्रामा सेंटर और पोस्टमार्टम हाउस और सैकड़ों पुल-पुलिया और सड़कों का निर्माण हुआ,” सीपीआई (एमएल) विधायक ने कहा।
विनोद सिंह ने यह नारा भी दिया, “पढ़ेगा बगोदर, बढ़ेगा बगोदर, लड़ेगा बगोदर।”
विनोद सिंह को 2021 में झारखंड विधानसभा के द्वारा उत्कृष्ट विधायक के ख़िताब से भी नवाजा गया।
“24 घंटे में जब ज़रूरत पड़ती है, तब हम लोग के काम आते हैं विनोद। राशन का मामला हो, पेंशन हो या गलत केस-मुकदमा, सब घड़ी काम करवाते हैं। इस कारण ही महेंद्र सिंह के समय से हम लोग माले को वोट दे रहे हैं,” 65 साल की बुधनी देवी ने बताया, जो 15 किलोमीटर दूर से माले की सभा में आई थीं।
झारखंड की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभाओं में से एक बगोदर में 49 साल के विनोद सिंह का मुकाबला 73 साल के भाजपा के उम्मीदवार नगेंद्र महतो से है।
दीपांकर भट्टाचार्य को सुने
भाजपा पर आरोप: “झारखंड जीत कर अडानी को सौंपेगी”
राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने दावा किया कि भाजपा झारखंड को (गौतम) अडानी के लिए जीतना चाहती है। “भाजपा, झारखंड में अबुआ राज नहीं, अडानी राज लाना चाहती है। झारखंड में कई सारी पब्लिक सेक्टर कंपनियाँ हैं, जो सुरक्षित रोजगार का रास्ता देती हैं, पर उन्हें खत्म किया जा रहा है। यह अडानी राज हम भाजपा राज के रूप में थोपने नहीं देंगे।”
दीपांकर ने अडानी मॉडल की भी चर्चा की। “झारखंड में अडानी मॉडल लाया गया है। एनटीपीसी का पावर प्लांट और गोड्डा का अडानी का पावर प्लांट देखिए। अडानी के पावर प्लांट में झारखंड के किसान की ज़मीन गई, झारखंड का पानी गया, और झारखंड के हिस्से में धुआँ आया। महंगी बिजली बांग्लादेश को बेची गई।”
“इस वक्त झारखंड और महाराष्ट्र दोनों जगहों पर चुनाव हो रहे हैं। मुंबई में बहुत बड़ा इलाका अडानी को दे दिया गया है, और अब यही तैयारी झारखंड में भी है,” दीपांकर ने दावा किया।
सभाओं में लोकतंत्र का उत्सव
झारखंड में आज विधानसभा चुनाव का प्रचार रुक गया। अब तक के प्रचार में आरोप-प्रत्यारोप और नफरत भरे भाषणों के बीच सभा में मौजूद लोगों को अपने नेताओं के प्रति बेहद उत्सुक देखा गया। पर माले की सभाओं में महिला-पुरुष एक साथ संथाली और खोरठा गानों में नाचते-गाते और झूमते नजर आए। महिलाओं की अच्छी-खासी संख्या भी रही। जीत-हार की परवाह किए बिना कार्यकर्ता लोकतंत्र के इस पर्व को उत्सव के रूप में मना रहे हैं।