झारखंड अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है, लेकिन झारखंड आंदोलन के सपने पहले से कहीं ज़्यादा दूर हैं। इस अवसर पर, झारखंड जनाधिकार महासभा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं...
शिबू सोरेन ने न सिर्फ वंशवाद के आरोपों का जवाब अपने कार्यों से दिया, बल्कि ज़मीनी कार्यकर्ताओं और विरोधी वर्गों के लोगों को भी आगे बढ़ाया। उन्होंने संघर्ष, समावेश और नेतृत्व की मिसाल कायम की। गुरुजी की छाया में संजीव कुमार राज्यसभा पहुंचे और सुदिव्य मंत्री बने।
पहले चरण में झारखंड ने खारिज की नफरत की राजनीति, भाजपा के बांग्लादेशी राग और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सच आया सामने। सामाजिक सुरक्षा, जल-जंगल-जमीन, और स्थानीय अधिकारों के मुद्दों पर झामुमो की नीतियां मजबूत दावेदारी पेश करती हैं। अडानी प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण से लेकर सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने तक भाजपा की हर रणनीति पर सवाल
झारखंड जनाधिकार महासभा की रिपोर्ट ने भाजपा के घुसपैठ दावे को खारिज करते हुए बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठ की कहानियां केवल साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए फैलाई जा रही हैं