रविश कुमार

कमाल खान पत्रकार उत्तर प्रदेश एनडीटीवी रविश कुमार

अब कोई दूसरा कमाल ख़ान नहीं होगा

उन्होंने केवल पत्रकारिता की नुमाइंदगी नहीं की, पत्रकारिता के भीतर संवेदना और भाषा की नुमाइंदगी नहीं की, बल्कि अपनी रिपोर्ट के ज़रिए अपने शहर लखनऊ और अपने मुल्क हिन्दुस्तान की भी नुमाइंदगी की. कमाल का मतलब पुराना लखनऊ भी था जिस लखनऊ को धर्म के नाम पर चली नफ़रत की आंधी ने बदल दिया. वहां …

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पुरानी पेंशन योजना

पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा की सभी नीतियों पर बहस हो और अध्ययन हो

पुरानी पेंशन व्यवस्था ख़त्म की जा चुकी है। बैंकों में बचत दर अब न्यूनतम स्तर पर है। नई पेंशन स्कीम है। इसका क्या रिकार्ड रहा है, क्या यह पर्याप्त है, इस पर भी आँकड़ों के साथ बहस होनी चाहिए। जो इन चीजों को समझते हैं उन्हें ही तथ्य और विश्लेषण सामने रखने होंगे। हम जैसे …

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि ये गुड तालिबान है या बैड तालिबान

“गुड तालिबान, बैड तालिबान, गुड टेररिज़्म, बैड टेररिज़्म ये अब चलने वाला नहीं है। हर किसी को तय करना पड़ेगा कि फैसला करो, आप आतंकवाद के साथ हो या मानवता के साथ हो। निर्णय करो।” यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। अगस्त 2015 का। इसे मैंने शब्दश: लिखा है। आज नरेंद्र मोदी तय नहीं …

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बिहार: एक पैराग्राफ की कहानी का राज्य

साधारण कथाओं का यह असाधारण दौर है। बिहार उन्हीं साधारण कथाओं के फ्रेम में फंसा एक जहाज़ है। बिहार की राजनीति में जाति के कई टापू हैं। बिहार की राजनीति में गठबंधनों के सात महासागर हैं। कभी जहाज़ टापू पर होता है। कभी जहाज़ महासागर में तैर रहा होता है। चुनाव दर चुनाव बिहार उन्हीं …

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झारखंड के स्वाभिमानी पाठक अपने घरों से अखबार फेंक दें, चैनल बंद कर दें– रविश कुमार

झारखंड के नौजवानों और पाठकों ने क्या फ़ैसला किया है? आपने देखा कि राज्य सरकार ने विज्ञापन निकाला है कि अख़बारों में काम करने वाले पत्रकार सरकारी योजनाओं की तारीफ़ में लिखने के लिए आवेदन करें। उन्हें एक लेख के 15000 दिए जाएंगे। इसके अलावा 5 हज़ार की प्रोत्साहन राशि भी। ऐसे 30 लेख छपेंगे। …

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