-
राय
गोदी मीडिया से लड़ने लगे हैं राहुल गांधी, लेकिन इस लड़ाई के कार्यक्रम क्या हैं?
रामलीला मैदान में कांग्रेस की रैली थी। महंगाई के ख़िलाफ़ हल्ला बोल रैली। इस नाम से चैनलों में प्रोग्राम चलते…
Read More » -
राय
आर्थिक तबाही से गुज़रती दुनिया के बीच मस्त मौला बना हुआ है भारत
टर्की की मुद्रा लीरा जीरा हो गई है। डॉलर को सामने देखते ही कांपने लग जाती है। वहां की महंगाई…
Read More » -
राय
क्या यह सही नहीं है कि भयंकर बेरोज़गारी के बाद भी युवाओं ने हमेशा बीजेपी को मौक़ा दिया? रविश का युवाओं को खुला ख़त
मेरे प्यारे आक्रोशित युवाओं, मीडिया तो अभी से आपको अग्निवीर कहने लगा। जिस नीति के विरोध में आप सड़कों पर…
Read More » -
राय
अब कोई दूसरा कमाल ख़ान नहीं होगा
उन्होंने केवल पत्रकारिता की नुमाइंदगी नहीं की, पत्रकारिता के भीतर संवेदना और भाषा की नुमाइंदगी नहीं की, बल्कि अपनी रिपोर्ट…
Read More » -
राय
पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा की सभी नीतियों पर बहस हो और अध्ययन हो
पुरानी पेंशन व्यवस्था ख़त्म की जा चुकी है। बैंकों में बचत दर अब न्यूनतम स्तर पर है। नई पेंशन स्कीम…
Read More » -
राय
क्या भारत में प्रेस की आज़ादी बिल्कुल ख़त्म हो जाएगी?
मनदीप पुनिया की गिरफ़्तारी से आहत हूँ। हाथरस केस में सिद्दीक़ कप्पन का कुछ पता नहीं चल रहा। कानपुर के…
Read More » -
ताज़ातरीन
बिहार: एक पैराग्राफ की कहानी का राज्य
साधारण कथाओं का यह असाधारण दौर है। बिहार उन्हीं साधारण कथाओं के फ्रेम में फंसा एक जहाज़ है। बिहार की…
Read More » -
राय
घोषणापत्र में नौकरियों को एक शब्द के लायक न समझ कर बीजेपी ने साबित कर दिया कि उसके लिए नौजवान और रोज़गार दोनों का मतलब बदल गया है
बीजेपी के घोषणापत्र में सरकारी नौकरियों पर एक शब्द नहीं है। तब भी नहीं जब कांग्रेस और सपा ने एक…
Read More »