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किसान के बेटे से मुख्यमंत्री तक: चंपई सोरेन झारखंड के नये मुख्यमंत्री

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रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जो बुधवार को रांची में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के सामने पेश हुए और अपने पद से इस्तीफा दे दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन को गठबंधन विधायकों (विधायक दल) के नेता के रूप में चुना गय। चंपई सोरेन का राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनना तय हो गया।

हेमंत सोरेन ने दिया इस्तीफा

इस्तीफे के बाद गठबंधन नेता चंपई सोरेन की अगुवाई में सैंतालीस विधायकों का समर्थन पत्र लेकर राजभवन पहुंचे, लेकिन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने अभी तक उनसे मुलाकात नहीं की है।

सूत्रों ने यह भी बताया कि नई कैबिनेट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो आलम झारखंड में डिप्टी सीएम बनने वाले पहले अल्पसंख्यक नेता होंगे।

गौरतलब है कि गठबंधन के कुछ विधायकों को भी पाला बदलने का ऑफर मिल रहा है। एक विधायक ने दावा किया, ”चूंकि वे जानते हैं कि मुझे लालच नहीं दिया जा सकता, इसलिए उन्होंने मुझसे संपर्क नहीं किया, लेकिन अन्य विधायकों के साथ ऐसा नहीं है।”

कौन हैं चंपई सोरेन

68 वर्षीय चंपई सोरेन का जन्म झारखंड के सरायकेला जिले में हुआ था। किसान के बेटे चंपई 34 साल पहले 1980 में झामुमो में शामिल हुए थे। उनका राजनीतिक करियर 2005 में शुरू हुआ जब उन्होंने सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। वह हेमंत सोरेन की कैबिनेट में परिवहन मंत्री थे। चंपई झामुमो के वफादार नेता माने जाते हैं।

आधी रात को हेमंत सोरेन के ट्विटर हैंडल पर उनकी तस्वीर के साथ एक कविता जारी की गयी। उसके बाद के एक पोस्ट में एक पत्र जिसमें निर्वाचित विधायकों के नेता के रूप में चंपई सोरेन के नाम का उल्लेख है।

ईडी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर

इन सबके बीच आज हेमंत सोरेन ने रांची के एससी/एसटी थाने में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत ईडी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई।

शिकायत पत्र में, सोरेन ने दावा किया कि कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल सहित ईडी अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर जब्त की गई कार और नकदी उनकी नहीं थी। लेकिन एजेंसी के अधिकारियों ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने हेमंत सोरेन की कार और नकदी जब्त कर ली है।

शिकायत में कहा गया है, “उपरोक्त अधिकारियों द्वारा किए गए कृत्यों के कारण मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को अत्यधिक मानसिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक क्षति हुई है।”

इस संबंध में अधिकारियों के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला (06/24) दर्ज किया गया है।

 

ये इंग्लिश में प्रकाशित ख़बर का अनुवाद है।

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