76वें गणतंत्र दिवस पर संविधान के वादे पर सवाल उठते हैं। भेदभाव, धार्मिक ध्रुवीकरण और अल्पसंख्यकों, ख़ास कर मुसलमानों और ईसाइयों पर बढ़ते हमले गणतंत्र की भावना को कमजोर कर रहे हैं। समानता और न्याय के संवैधानिक मूल्यों को बचाने की जरूरत पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। क्या भारत वाकई सबके लिए समान है?
झारखंड जनाधिकार महासभा की रिपोर्ट ने भाजपा के घुसपैठ दावे को खारिज करते हुए बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठ की कहानियां केवल साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए फैलाई जा रही हैं