कांग्रेस ने ज़िला अध्यक्षों की सूची में सुधार कर बदले चार अध्यक्ष

ईन्यूज़रूम की ख़बर का असर: चार ज़िलों-- रामगढ़, गढ़वा, साहेबगंज और कोडरमा में अध्यक्ष बदला गया है

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रांची: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने ज़िला अध्यक्षों की सूची में सुधार करते हुए, झारखंड में 25 में दो दलित और दो मुस्लिम को ज़िला अध्यक्ष बनाने की घोषणा की है।

मालूम हो कि एआईसीसी ने 4 दिसम्बर को पहली बार 25 ज़िला अध्यक्षों के नाम की सूची जारी की थी। पर लिस्ट में ना तो कोई दलित, न माइनॉरिटि और न कोई महिला ज़िला अध्यक्ष थी। इस पर ईन्यूज़रूम ने विस्तार से ख़बर की और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजेश ठाकुर से भी बात की थी। प्रदेश अध्यक्ष ने माना था कि चूक हुई है और दूसरी सूची जारी होगी।

“कन्सिड्रेशन तो होता ही है, पर हमारे यहाँ इंटरव्यू भी हुआ था इस बार के ज़िला अध्यक्षों के चुनाव में। आप दूसरी पार्टियों, ख़ास कर बीजेपी से न इतना सवाल कर सकते हैं और न उम्मीद रख सकते हैं। और हमारे यहाँ जो चूक हुई है उसे सुधारा जाएगा।”

ज़िला अध्यक्षों की सूची में बदलाव

जिन चार ज़िलों में अध्यक्ष का नाम बदला गया है, वो हैं— रामगढ़, गढ़वा, साहेबगंज और कोडरमा।

रामगढ़ से मुन्ना पासवान, जिनको शांतनु मिश्रा, गढ़वा से ओबेदुल्लाह हक़ अंसारी को श्रीकांत तिवारी, साहेबगंज से बरकतुल्ला ख़ान को अनिल कुमार ओझा और भागीरथ पासवान को नारायण बरनवाल के स्थान पर कोडरमा से ज़िला अध्यक्ष बनाया गया है।

6 दिसम्बर को जारी प्रेस विज्ञप्ति में ये भी कहा गया है कि शांतनु, श्रीकांत, अनिल और नारायण को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जगह दी जाएगी।

लेकिन, नई सूची में भी किसी महिला को जगह नहीं मिल पाई है।

और जो सबसे बड़ा सवाल अभी भी बना है कि एक पार्टी जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष, मल्लिकार्जुन खड्गे, दलित हों, वो पार्टी 25 ज़िलों में एक भी दलित को पहली बार में अध्यक्ष के तौर पर नहीं चुनती है।

वहीं दूसरी तरफ, जिस पार्टी को हमेशा से माइनॉरिटी वोट्स मिलता रहा हो वो, किसी माइनॉरिटी को भी इस काबिल नहीं समझती है।

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रांची: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने ज़िला अध्यक्षों की सूची में सुधार करते हुए, झारखंड में 25 में दो दलित और दो मुस्लिम को ज़िला अध्यक्ष बनाने की घोषणा की है।

मालूम हो कि एआईसीसी ने 4 दिसम्बर को पहली बार 25 ज़िला अध्यक्षों के नाम की सूची जारी की थी। पर लिस्ट में ना तो कोई दलित, न माइनॉरिटि और न कोई महिला ज़िला अध्यक्ष थी। इस पर ईन्यूज़रूम ने विस्तार से ख़बर की और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजेश ठाकुर से भी बात की थी। प्रदेश अध्यक्ष ने माना था कि चूक हुई है और दूसरी सूची जारी होगी।

“कन्सिड्रेशन तो होता ही है, पर हमारे यहाँ इंटरव्यू भी हुआ था इस बार के ज़िला अध्यक्षों के चुनाव में। आप दूसरी पार्टियों, ख़ास कर बीजेपी से न इतना सवाल कर सकते हैं और न उम्मीद रख सकते हैं। और हमारे यहाँ जो चूक हुई है उसे सुधारा जाएगा।”

ज़िला अध्यक्षों की सूची में बदलाव

जिन चार ज़िलों में अध्यक्ष का नाम बदला गया है, वो हैं— रामगढ़, गढ़वा, साहेबगंज और कोडरमा।

रामगढ़ से मुन्ना पासवान, जिनको शांतनु मिश्रा, गढ़वा से ओबेदुल्लाह हक़ अंसारी को श्रीकांत तिवारी, साहेबगंज से बरकतुल्ला ख़ान को अनिल कुमार ओझा और भागीरथ पासवान को नारायण बरनवाल के स्थान पर कोडरमा से ज़िला अध्यक्ष बनाया गया है।

6 दिसम्बर को जारी प्रेस विज्ञप्ति में ये भी कहा गया है कि शांतनु, श्रीकांत, अनिल और नारायण को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जगह दी जाएगी।

लेकिन, नई सूची में भी किसी महिला को जगह नहीं मिल पाई है।

और जो सबसे बड़ा सवाल अभी भी बना है कि एक पार्टी जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष, मल्लिकार्जुन खड्गे, दलित हों, वो पार्टी 25 ज़िलों में एक भी दलित को पहली बार में अध्यक्ष के तौर पर नहीं चुनती है।

वहीं दूसरी तरफ, जिस पार्टी को हमेशा से माइनॉरिटी वोट्स मिलता रहा हो वो, किसी माइनॉरिटी को भी इस काबिल नहीं समझती है।

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रांची: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने ज़िला अध्यक्षों की सूची में सुधार करते हुए, झारखंड में 25 में दो दलित और दो मुस्लिम को ज़िला अध्यक्ष बनाने की घोषणा की है।

मालूम हो कि एआईसीसी ने 4 दिसम्बर को पहली बार 25 ज़िला अध्यक्षों के नाम की सूची जारी की थी। पर लिस्ट में ना तो कोई दलित, न माइनॉरिटि और न कोई महिला ज़िला अध्यक्ष थी। इस पर ईन्यूज़रूम ने विस्तार से ख़बर की और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजेश ठाकुर से भी बात की थी। प्रदेश अध्यक्ष ने माना था कि चूक हुई है और दूसरी सूची जारी होगी।

“कन्सिड्रेशन तो होता ही है, पर हमारे यहाँ इंटरव्यू भी हुआ था इस बार के ज़िला अध्यक्षों के चुनाव में। आप दूसरी पार्टियों, ख़ास कर बीजेपी से न इतना सवाल कर सकते हैं और न उम्मीद रख सकते हैं। और हमारे यहाँ जो चूक हुई है उसे सुधारा जाएगा।”

ज़िला अध्यक्षों की सूची में बदलाव

जिन चार ज़िलों में अध्यक्ष का नाम बदला गया है, वो हैं— रामगढ़, गढ़वा, साहेबगंज और कोडरमा।

रामगढ़ से मुन्ना पासवान, जिनको शांतनु मिश्रा, गढ़वा से ओबेदुल्लाह हक़ अंसारी को श्रीकांत तिवारी, साहेबगंज से बरकतुल्ला ख़ान को अनिल कुमार ओझा और भागीरथ पासवान को नारायण बरनवाल के स्थान पर कोडरमा से ज़िला अध्यक्ष बनाया गया है।

6 दिसम्बर को जारी प्रेस विज्ञप्ति में ये भी कहा गया है कि शांतनु, श्रीकांत, अनिल और नारायण को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जगह दी जाएगी।

लेकिन, नई सूची में भी किसी महिला को जगह नहीं मिल पाई है।

और जो सबसे बड़ा सवाल अभी भी बना है कि एक पार्टी जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष, मल्लिकार्जुन खड्गे, दलित हों, वो पार्टी 25 ज़िलों में एक भी दलित को पहली बार में अध्यक्ष के तौर पर नहीं चुनती है।

वहीं दूसरी तरफ, जिस पार्टी को हमेशा से माइनॉरिटी वोट्स मिलता रहा हो वो, किसी माइनॉरिटी को भी इस काबिल नहीं समझती है।

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