मोदी के नाम पर हुई भाजपा की विजय

Date:

Share post:

भोपाल: मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की बड़ी जीत ने सभी को हैरान कर दिया है. मध्यप्रदेश में चुनाव विश्लेषक कांटे की टक्कर बताते रहे लेकिन जो परिणाम सामने आयें उसके मुताबिक, भाजपा 165 सीटें जीतने वाली है और कांग्रेस मात्र 64. इस जीत का यदि आकलन किया जायें तो यही सामने आता है कि मतदाता ख़ामोश रहे और उन्होंने आख़री वक़्त तक यह पता लगाने नहीं दिया कि आख़िर वो किसे चुनने वाले है.

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी. 2018 के चुनावों में जहां कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की थी और भाजपा को 109 सीटें मिली थीं.

लेकिन वह सरकार मात्र 20 महीने ही चल पाई. इस बार भी ऐसी ही उम्मीद लगाई जा रही थी के कांग्रेस पिछली बार जैसी या उससे बेहतर प्रदर्शन करेगी.

कमलनाथ ने हार स्वीकार करते हुये भोपाल में कहा कि, “ मैं जनता के फैसले को स्वीकार करता हूं.”

इस मौके पर उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मध्य प्रदेश के चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद थे.

उन्होंने आगे कहा कि विरोधी दल के नाते हमारी जो जिम्मेदारी है. उस पर हम डटे रहेंगे.

उन्होंने भाजपा को बधाई देते हैं कहा कि, हमें उम्मीद है कि भाजपा जनता के विश्वास को जिम्मेदारी से निभाएगी. कोई विश्वासघात नहीं करेगी.

कमलनाथ ने कहा कि वो इस हार पर चिंतन करेंगे कि आखिर हमसे कहां चूक हो गई और जनता का विश्वास क्यों नहीं जीत पाए.

कांग्रेस पार्टी यह मान बैठी थी कि वो सरकार बनाने जा रही है और इस बार उसे कोई रोक नही सकता है लेकिन जिस तरह की जीत भाजपा को मिली है उससे पता चलता है कि कई वजह थी जिसकी वजह से कांग्रेस की इस जीत का रास्ता साफ हुआ.

इस जीत की सबसे बड़ी वजह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार लाडली बहना योजना को माना जा रहा है. इस योजना के तहत प्रदेश में 23 से लेकर 60 साल तक की उम्र वाली एक करोड़ 25 लाख महिलाओं के खाते खोले गए हैं और उन्हें हर माह एक हज़ार रुपये की रकम दी गई. इस योजना ने महिलाओं को भाजपा के करीब ला दिया.

मध्यप्रदेश में भाजपा की जीत के बाद शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा | साभार: एक्स/BJP4MP

वही शिवराज सिंह चौहान की अपनी लोकप्रियता ने भी अपना काम किया. हालांकि पार्टी ने चुनाव से पहले उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रस्तुत नहीं किया था. उसके बावजूद पूरे चुनाव के दौरान शिवराज ने लगातार दौरे किये और सभाएं की. उनकी छवि ऐसी है उन्हें लोग अपने बीच का व्यक्ति ही मानता है और वो लोगों से आसानी से जुड़ जाते है. शिवराज को महिलाओं और युवाओं का समर्थन बड़ी तादाद में मिला यह बताया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहनत ने भी इस चुनाव में रंग दिखाया. उन्होंने पूरे प्रदेश को चुनाव के दौरान नापने की कोशिश की. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया की अगर वो उन पर विश्वास करते है तो उन्हें फायदा ही होगा. जिसमें वो कामयाब भी हुए और लोगों ने भारी तादाद में वोट दिया.

वही पार्टी ने पहले हारी हुई सीटों पर काफी पहले ही टिकट वितरण कर दिया ताकि प्रत्याशियों को अपने क्षेत्र में काम करने का पर्याप्त मौका मिलें. पार्टी ने अपने 7 सांसदों जिनमें तीन मंत्री भी उन्हें एक रणनीति के तहत उतारा. वही कांग्रेस ने कई जगहों पर टिकट देने के लिये सर्वे का सहारा लेने की बात कही लेकिन हकीकत में टिकट नेताओं ने अपने ही हिसाब से बांटे.

ग्वालियर- चंबल क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया जिन्होंने कांग्रेस की सरकार पिछली बार गिराई थी वो अपने अच्छे ख़ासे लोगों को टिकट दिलाने में कामयाब हो गये और उनमें से काफी लोग जीत भी रहे है.

वहीं कांग्रेस के चुनाव की कमान 77 साल के कमलनाथ पर थी जिन्होंने कोशिश तो की लेकिन उस तरह से सभाएं और रैलियां नहीं की जिस तरह से भाजपा का सामना किया जा सके.

कई बार उनके और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच वैसा सामंजस्य देखने को नही मिला जैसी जरुरत थी.

पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की हार की कल्पना किसी ने भी नहीं की थी. इस राज्य में माना जा रहा था कि कांग्रेस की सीटें कम होगी लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बनेगी की पार्टी को विपक्ष में बैठना पड़े.

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 90 में से 54 सीटों पर या तो जीत दर्ज की है या फिर आगे है वही काग्रेंस इस समय सिर्फ 35 सीटों पर जीत रही है या आगे है. कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज मंत्री चुनाव हार गये है.

छत्तीसगढ़ में भाजपा की बड़ी जीत की वजह विश्लेषक कई वजहों को मानते है. इनमें सबसे पहले भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाता रहा. उन्हें प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के सभी बड़े नेताओं ने कथित महादेव एप पर घेरा. आरोप लगाया गया कि वो इसमें घोटाले में शामिल थे. महादेव एप एक सट्टा ऐप था जिसके संचालक छत्तीसगढ़ के है और अब दुबई में रहते है.

इसके साथ ही महतारी वंदन योजना जिसमें उन्होंने महिलाओं को 12,000 रुपये साल में देने की घोषणा की है उसे भी लोगों ने पसंद किया. सरकार आने की स्थिति में  भाजपा ने भूमिहीन किसानों और मजदूरों को 10,000 रुपये सालाना देने का वादा भी किया है. यह भी एक लुभाने वाली घोषणा थी.

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में भी बहुत सोच समझकर टिकट दिया. उन्होंने हर इलाके में मौजूद समाज को देखकर टिकट वितरण किया ताकि उनका विश्वास पाया जा सके.

मध्यप्रदेश की तरह ही चार सांसद भी विधानसभा चुनाव में उतारे गये उन्होंने पार्टी को फायदा पहुंचाया.

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने रायपुर में पत्रकारों से कहा, “छत्तीसगढ़ महतारी की जय! छत्तीसगढ़ में भाजपा की इस प्रचंड जीत के पीछे प्रदेशवासियों के आशीर्वाद के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व का परिश्रम और कुशल नेतृत्व समाहित रहा है.”

उन्होंने आगे कहा कि, ”मोदी जी की गारंटी पर जनता ने विजय तिलक लगाया है. हम मिलकर छत्तीसगढ़ का विकास करेंगे.”

spot_img

Related articles

“Bring Her Home”: SC Orders Return of Pregnant Sunali Khatun ‘Dumped’ Across Bangladesh Border

Delhi/Kolkata: After months of uncertainty and anguish, a ray of hope broke through on December 3, when the...

Unregulated Access, Unchecked Power: The Hidden Dangers of India’s Mandatory Sanchar Saathi App

Delhi: The Government of India’s directive requiring the preinstallation of the Sanchar Saathi application on all smartphones marks...

होमबाउंड: दलित–मुस्लिम पहचान पर नए भारत की सियासत का कड़वा सच

फिल्म ‘मसान’ से चर्चित हुए निर्देशक नीरज घायवान की फिल्म ‘होमबाउंड’ बॉलीबुड के फिल्मी पैटर्न को तोड़ती हुई...

Indian Team Discovers 53 Giant Radio Quasars, Some 50 Times Bigger Than the Milky Way

Four Indian astronomers from West Bengal have discovered 53 giant radio quasars, each with jets millions of light-years long. Using TGSS data, the team identified rare, massive structures that reveal how black holes grow, how jets evolve, and how the early universe shaped asymmetric cosmic environments.