मतदाताओं के आकांक्षाओं को साकार करते हैं कोडरमा इंडिया गठबंधन प्रत्याशी विनोद सिंह!
"सीपीआईएमएल नेता की छवि बेदाग है। काम लेने और करवाने की कला भी उन्हें आती है। चाहें राशन डीलर का मामला हो या चीफ़ सेक्रेटरी से काम हो, देश के बाहर फंसे आप्रवासी नागरिकों को अपने व्यक्तिगत तौर पे वापस लाना हो, कोविड लॉकडाउन में हेमंत सोरेन सरकार के साथ-साथ सोनू सूद के सहयोग से भी अपने इलाके के नागरिकों को घर ले आना और कानून तथा संविधान की अच्छी समझ इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को दूसरों से अलग बनाता है," झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता सिराज दत्ता ने कहा
कोडरमा: महेंद्र सिंह, कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी विनोद सिंह के पिता एवं बगोदर से लगातार तीन बार विधायक रह चुके सीपीआईएमएल के नेता ये मानते थे की किसी भी क्षेत्र के प्रतिनिधि को इसी क्षेत्र का नागरिक भी होना चाहिए। पिता की हत्या के बाद, विनोद सिंह भी तीन बार विधायक चुने गए पर कभी खंभरा गाँव के अलावा दूसरी जगह (किसी शहरी इलाके) में कोई मकान नहीं बनाया।
विनोद सिंह जिनको अब राजनीति में आए दो दशक हो गए हैं, उनके बारे में लोग मानते हैं की महेंद्र सिंह के बहुत सारे गुण उनमे है, वहीं, महेंद्र सिंह, जिनहोने वैसे तो कई किताबें लिखी थी, पर औपचारिक शिक्षा ज्यादा हासिल नहीं कर पाये थे, पर विनोद देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नाकोत्तर तक की पढ़ाई किए हुए हैं।
पिता की हत्या के बाद अचानक सक्रिय राजनीति में आए, समाज शास्त्र के छात्र ने जब राजनीति में कदम रखा तो पीछे मुड़ कर नहीं देखा। इसी साल जब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा तो उसके बाद नए सरकार के गठन में राज्यपाल के साथ गठबंधन की टीम में बगोदर विधायक का शामिल होना, राज्य के लोगों के साथ-साथ विपक्षी दलों को इस बात का संदेश दे गया के प्रदेश के सबसे अच्छे संविधान के जानकार व्यक्ति के साथ होने से गठबंधन की सरकार को दुबारा बनने से नहीं रोका जा सकेगा।
मतदाताओं के आकांक्षाओं पर खरा उतरते हैं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार
भारत के हर मतदाता की हमेशा यही मांग रहती है की उनका प्रत्याशी नौजवान हो, पढ़ा-लिखा हो, ईमानदार एवम कर्मठ हो।
“सीपीआईएमएल नेता की छवि बेदाग है। काम लेने और करवाने की कला भी उन्हें आती है। चाहे राशन डीलर का मामला हो या चीफ़ सेक्रेटरी से काम हो, देश के बाहर फंसे आप्रवासी नागरिकों को अपने व्यक्तिगत तौर पर वापस लाना हो, कोविड लॉकडाउन में हेमंत सोरेन सरकार के साथ-साथ सोनू सूद के सहयोग से भी अपने इलाके के नागरिकों को घर ले आना और कानून तथा संविधान की अच्छी समझ इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को दूसरों से अलग बनाता है,” झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता सिराज दत्ता ने कहा।
तीन बार के विधायक ने हमेशा शिक्षा को महत्व दिया और अपने इलाके में साइन्स कॉलेज की स्थापना की। जब वो उत्कृष्ट विधायक से झारखंड विधानसभा में सम्मानित हुए तो उस राशि को भी शिक्षा के लिए दान कर दिये थे।
शायद यही वजह भी है कि जब से उनके नाम की घोषणा हुई, न सिर्फ कोडरमा के मतदाताओं में उत्साह देखा जा रहा है, बल्कि झारखंड के कई हिस्सों और कोलकाता, दिल्ली से लोग भी उनके प्रचार के लिए आ रहें है। वहीं उनके लिए वोट करने देश भर में फैले कोडरमा क्षेत्र के अप्रवासी नागरिक और बड़ी संख्या में मुंबई में रह रहे अप्रवासी भी वोट देने आएंगे। इसकी चर्चा लोग विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप्स और पेजेस में कर रहें हैं।
विनोद सिंह आज मजदूर दिवस पर कोडरमा लोकसभा प्रत्याशी के लिए अपना नामांकन करेंगे।