eNewsroom India Logo

गंगा की धारा में छिपी कहानियां: विद्या भूषण रावत का दस्तावेज़ी सफर

Date:

Share post:

 

कोलकाता: विद्या भूषण रावत, एक मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक और फ़िल्म निर्माता हैं, जिन्होंने पवित्र गंगा नदी के साथ एक बदलावकारी यात्रा की। यह यात्रा हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई गंगा के मार्ग को समझने और उसके महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से की गई। रावत ने अपने तीन दशक लंबे करियर में हमेशा हाशिये पर रहने वाले समुदायों के अधिकारों की आवाज़ उठाई है और उनके संघर्षों को दुनिया के सामने लाया है। गंगा की यह यात्रा उनके मिशन का हिस्सा थी, जिसमें उन्होंने नदी के पर्यावरणीय और सांस्कृतिक संकटों को समझा और उन अनसुनी आवाज़ों को उठाया, जो अक्सर दबा दी जाती हैं।

साक्षात्कार के दौरान, रावत ने गंगा के बिगड़ते पर्यावरणीय हालात का ज़िक्र किया, जो बेकाबू औद्योगिक प्रदूषण, अनियंत्रित शहरीकरण और सरकारी नीतियों की नाकामी का नतीजा है। उन्होंने इस विरोधाभास को सामने रखा कि एक तरफ भारतीय समाज में गंगा को आध्यात्मिक रूप से पूजनीय माना जाता है, लेकिन दूसरी ओर इसकी पारिस्थितिकी को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। उन्होंने उन समुदायों का चित्रण किया, जो गंगा के किनारे बसे हैं और नदी की बिगड़ती हालत की वजह से अपने आजीविका और संसाधनों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

रावत ने गंगा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को भी समझाया और बताया कि यह नदी भारत की विविध परंपराओं को जोड़ने वाली एकता का प्रतीक है। उन्होंने स्थानीय समुदायों की प्रेरणादायक कहानियां साझा कीं, जो गंगा की पवित्रता को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने इन समस्याओं को हल करने के लिए सख़्त पर्यावरणीय क़ानून लागू करने, समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने और सतत विकास की दिशा में काम करने की बात कही।

रावत ने उन राजनीतिक कथाओं की आलोचना की, जो गंगा के प्रतीकात्मक महत्व का इस्तेमाल तो करती हैं लेकिन असल बदलाव के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं। उन्होंने टोकनिज़्म को छोड़कर वास्तविक प्रयासों की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, ताकि गंगा का पुनर्जीवन संभव हो सके। अपनी डॉक्यूमेंट्री और लेखन के ज़रिए, रावत यह संदेश देना चाहते हैं कि गंगा केवल एक नदी नहीं है, बल्कि यह भारत की पर्यावरणीय, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है।

spot_img

Related articles

नेताओं ने झारखंड की ज़मीन, जनता के हक़ के बदले सौंप दी कंपनियों को- झारखंड जनाधिकार महासभा

झारखंड अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है, लेकिन झारखंड आंदोलन के सपने पहले से कहीं ज़्यादा दूर हैं।...

El Fashir Has Fallen — and So Has the World’s Conscience on Sudan

The seizure of the city of El Fashir in North Darfur by the paramilitary Rapid Support Forces (RSF)...

Politics, Power, and Cinema: Author Rasheed Kidwai Captivates Dubai Audience

Dubai: Literature enthusiasts from India and Dubai gathered at the India Club for a memorable evening with celebrated...

The Untamed Soul of Indian Cinema: How Ritwik Ghatak’s Art Still Speaks to Our Times

The World Cinema Project has restored, among other films, Titas Ekti Nodir Naam by Ritwik Ghatak. Martin Scorsese,...