देश को दो मुख्यमंत्री देने वाले ज़िला को अब मिला आईसीयू
चार बेड वाले आईसीयू की हुई शुरुआत, जिसमें होंगे 2 वेंटीलेटर। एक महीने में होगा 10 बेड का आईसीयू और 4 वेंटीलेटर रहेंगे, पीपीपी मॉडल पे चलेगा आईसीयू
गिरिडीह: क्या आपको पता है बिहार के तीसरे मुख्यमंत्री के बी सहाय और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी में क्या समानता है? के बी सहाय भी गिरिडीह ज़िला के रहने वाले थे और बाबूलाल मरांडी भी हैं।
के बी सहाय जहां 70 के दशक से पहले मुख्यमंत्री बने, बाबूलाल साल 2000 में झारखंड अलग होते ही बन गए। पर जिस ज़िले ने दो मुख्यमंत्री दिये वहाँ की 25 लाख जनता को स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पे कुछ भी नहीं मिला। बाबूलाल के समय गिरिडीह को एक साथ तीन मंत्री भी मिले, पर 2005 में जब इंडिया टुडे मैगज़ीन में पूरे इंडिया के सबसे पिछड़े जिलों की सूची बनी तो भारत में गिरिडीह पांचवें नंबर में था। सर्वे में स्वास्थ्य के कई पैमाने थे और उन सब में ये ज़िला सबसे नीचे रहा था।
अब जब कोरोना वाइरस से लड़ाई से विश्व और देश के साथ गिरिडीह भी जूझ रहा है तो सबसे बड़ी ज़रूरत बेहतर मेडिकल फैसिलिटी (स्वास्थ्य सुविधा) की है। इसलिए जब गिरिडीह से पहली बार विधायक बने सुदिव्य कुमार सोनू ने चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से चार बेड वाले इंटैन्सिव केयर यूनिट (आईसीयू) का उद्घाटन लॉकडाउन के दौरान सदर अस्पताल में सोमवार को किया तो यही एक बहुत बड़ी उपलब्धि के तौर पे गिरिडीह के जनता के लिए माना जा रहा है!
आईसीयू के अभाव में गिरिडीह ज़िला के ज़्यादा तर क्रिटिकल मरीज़ को दूसरे जिलों में रेफर कर दिया जाता था। इस वजह से ज़िला में एम्ब्युलेन्स ‘सेवा’ भी खूब फल फूल रही है।
जनता के पैसों से बना, जनता को समर्पित
ईन्यूज़रूम से विस्तार से बातचीत में गिरिडीह विधायक सुदिव्य सोनू ने बताया, “मैंने तो विधायक निधि से मार्च में ही 19 लाख रूपयेे आईसीयू में लागने वाले वेंटीलेटर, कार्डियक मशीन– इमप्लांटेबल कार्डियोवर्टर डेफ़िबृल्लटोर (आईसीडी) के लिए एक कंपनी को ऑर्डर दिया था। लेकिन लॉकडाउन के बाद उसने कुछ भी देने में असमर्थता जताया। पर covid-19 से उभरे हालात में अभी ही गिरिडीह ज़िला को आईसीयू की जरूरत थी।”
“इसलिए मैंने चेम्बर से सहयोग मांगा और न सिर्फ मुझे उनका सहयोग मिला बल्कि 12 दिनों में गिरिडीह को 25 लाख की लागत का 4 बेड का आईसीयू मिल गया। इसलिए ये जनता के पैसों से बना जनता को समर्पित आईसीयू है,” झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक ने आगे बताया।
कोरोना से लड़ाई
गिरिडीह विधायक ने ये भी बताया कि आईसीयू, पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पे काम करेगा।
सोनू ने आगे कुछ और बातें बताई, “इसमें कुल लागत 50 लाख तक होगी और एक महीने में 10 बेड का आईसीयू ज़िला को मिलेगा। वैसे जो आईसीयू आज से गिरिडीह सदर अस्पताल में शुरू हुई है वो ज़िला स्तर पे कहीं और नहीं है राज्य में।”
विधायक सुदिव्य सोनू के इलैक्शन मानिफेस्टो में गिरिडीह वासियों के लिए एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना का भी वादा है। और उन्होंने सदर अस्पताल में जल्द नेत्र और दंत चिकित्सा विभाग शुरू करने की भी बात कही।