राय

राशन पर ओटीपी की मुहर: झारखंड की हाशिए की आबादी भूख और अपमान के बीच फंसी

झारखंड में राशन कार्ड अपडेट के लिए अब आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर OTP जरूरी हो गया है। इससे ग्रामीण महिलाओं और गरीब परिवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सीमित डिजिटल साक्षरता, मोबाइल की कमी और बढ़ते खर्च ने सरकारी योजनाओं की पहुंच को और सीमित कर दिया है।

इतिहास की अदालत में औरंगजेब: न्याय, मिथक और राजनीति

क्या इतिहास सत्ता की चकाचौंध में धुंधला हो सकता है? मुगल शासक औरंगजेब की विरासत, जो सात समंदर पार प्रसिद्ध थी, आज एकतरफा नैरेटिव के घेरे में है। उसकी उपलब्धियों और गलतियों का सम्यक मूल्यांकन करने के बजाय, अतीत को विकृत कर वर्तमान की राजनीति साधने का प्रयास हो रहा है।

गणतंत्र दिवस: संविधान और आज की हकीकत

76वें गणतंत्र दिवस पर संविधान के वादे पर सवाल उठते हैं। भेदभाव, धार्मिक ध्रुवीकरण और अल्पसंख्यकों, ख़ास कर मुसलमानों और ईसाइयों पर बढ़ते हमले गणतंत्र की भावना को कमजोर कर रहे हैं। समानता और न्याय के संवैधानिक मूल्यों को बचाने की जरूरत पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। क्या भारत वाकई सबके लिए समान है?

गुम होती धुनें, खोते कलाकार: पाकिस्तान के लोक-संगीत की सिसकियां

'इंडस ब्लूज़' पाकिस्तान की सांस्कृतिक विरासत का एक शोकगीत है। यह उन आखिरी कलाकारों और शिल्पकारों की दास्तान है, जो मिटते हुए संगीत को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं। इनकी कला और धुनें उनके साथ खत्म हो रही हैं, मगर उनकी कहानियां दिलों में गूंजती रहेंगी।

संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के अपने ही आरोप को भाजपा ने अदालत में नकारा

झारखंड जनाधिकार महासभा की रिपोर्ट ने भाजपा के घुसपैठ दावे को खारिज करते हुए बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठ की कहानियां केवल साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए फैलाई जा रही हैं
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मदरसों ने जिस तरह से शिक्षा के माध्यम से अमीर-ग़रीब, जातिवाद का फर्क मिटाया वह संसार के किसी अन्य एजुकेशनल सिस्टम में नहीं मिलता

जस्टिस राजेंद्र सच्चर ने मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत करती हुई ऐसी रिपोर्ट पेश की जिसे पढ़ कर कोई भी ईमानदार शख्स इसे...

कृषी प्रधान देश में किसानों के साथ बजट में छल 

हर साल देश में बजट देश की आर्थिक आवश्यकताओं की समीक्षा  करने व उनके लिए उचित धन आवंटन करने के उद्देश्य से बनाया एवं...

गोदी मीडिया से लड़ने लगे हैं राहुल गांधी, लेकिन इस लड़ाई के कार्यक्रम क्या हैं?

रामलीला मैदान में कांग्रेस की रैली थी। महंगाई के ख़िलाफ़ हल्ला बोल रैली। इस नाम से चैनलों में प्रोग्राम चलते हैं मगर हल्ला बोलने...

आर्थिक तबाही से गुज़रती दुनिया के बीच मस्त मौला बना हुआ है भारत

टर्की की मुद्रा लीरा जीरा हो गई है। डॉलर को सामने देखते ही कांपने लग जाती है। वहां की महंगाई ने छप्पर फाड़ने के...

क्या यह सही नहीं है कि भयंकर बेरोज़गारी के बाद भी युवाओं ने हमेशा बीजेपी को मौक़ा दिया? रविश का युवाओं को खुला ख़त

मेरे प्यारे आक्रोशित युवाओं, मीडिया तो अभी से आपको अग्निवीर कहने लगा। जिस नीति के विरोध में आप सड़कों पर उतरे हैं, उसी नीति के...

अब कोई दूसरा कमाल ख़ान नहीं होगा

उन्होंने केवल पत्रकारिता की नुमाइंदगी नहीं की, पत्रकारिता के भीतर संवेदना और भाषा की नुमाइंदगी नहीं की, बल्कि अपनी रिपोर्ट के ज़रिए अपने शहर...
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