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26 जनवरी कि किसान गणतन्त्र परेड मोदी को मैसेज देने के लिए नहीं, देश को संदेश होगा जय जवान के बाद जय किसान का – योगेंद्र यादव

किसान संगठनो का ऐलान, गणतन्त्र दिवस पे देश का दिल जीतने दिल्ली में किसान परेड में शामिल होंगे 10 लाख किसान

कोलकाता: किसान नेता और स्वराज भारत राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने आज दावा किया के 26 जनवरी कि किसान परेड नरेंद्र मोदी को मैसेज देने के लिए नहीं, बल्कि देश को संदेश होगा जय जवान के बाद, जय किसान का।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी- AIKSCC) के देश भर में चल रहें किसान आंदोलन के दौरान आज योगेंद्र यादव कोलकाता पहुंचे और 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस के समानांतर किसान परेड आयोजन करने के समिति के फैसले के बारे में विस्तार से बताया।

एआईकेएससीसी 9 जनवरी से धरमतल्ला में भी कृषि बिल के विरोध में एक धरना दे रही है।

“हमें मजबूरी में गणतन्त्र दिवस पे किसान के ट्रैक्टर परेड का फैसला लेना पड़ा क्यूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के पास देश-विदेश में हो रहे घटना पर ट्वीट करने का समय है, क्रिकेटर के सेहत का हाल-चाल जानने का वक़त है, पर देश के 125 किसान शहीद हो चुके, के लिए संवेदना व्यक्त करने का समय नहीं है,“ योगेंद्र यादव ने मीडिया को सभा के बाद बताया।

सभा में उन्होने कहा, “26 जनवरी को किसान आंदोलन शुरू हुऐ 2 मास हो जायेंगे पर हमारे किसान भाई डटे हुए हैं और बोल रहें हैँ के अगर ज़रूरत हुईं तो 2 साल तक बैठेंगे पर बिना कृषि बिल वापस किये नहीं जायेंगे।”

कृषि क़ानून, किसानों के लिए उपहार नहीं है

अपने भाषण में योगेंद्र यादव ने कहा, “कृषि क़ानून हम दो (मोदी-अमित शाह) के द्वारा हमारे दो (अंबानी- अदानी) के लिए उपहार है, किसानों के लिए नहीं।“

“कृषि क़ानून कंपनी राज लाने के लिए है, देश कि खेती-किसानी में कंपनी राजी लाने कि कोशिश है। पर किसान कह रहे हैं हमें ये उपहार नहीं चाहिए।“

सीएए-एनआरसी कि तरह किसान आंदोलन को भी हर तरह से कुचलने कि कोशिश कि गई

ईन्यूज़रूम के एक सवाल के, किया जिस तरह सिएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान और बाद में मोदी सरकार के तरफ से कार्रवाई कि गई एक्टिविस्ट्स और विद्यार्थियों पे वैसे किसी कार्रवाई से किसान आंदोलन के नेता भी डरे हुए हैँ? योगेंद्र ने जवाब दिया, “हम सभी लोगों को भी हरयाणा से लेकर उत्तर प्रदेश कि सरकारों ने डराने-धमकाने, केस लगाने का काम किया है। एनआईए कि नोटिसेस भी मिल रही है, उत्तर प्रदेश में हमारे कार्यकर्ताओं पे गुंडा एक्ट लगा, उनका बाउंड भरना पड़ा के वो इस तरह के आंदोलन में भाग नहीं लेंगे। मुझे भी अरैस्ट किया गया। आज भी झारखंड के किसान को उत्तर प्रदेश में रोक दिया गया है।”

“मोदी जी कहते हैँ  के किसान कि बात को सर झुका कर सुनेंगे पर करते वो ये है, जिसे इंग्लिश के कहावत से समझा जा सकता है Iron fist with velvet gloves (मखमल में लपेटा हुआ लोहे का घुसा),” योगेंद्र ने उदाहरण देते हुए कहा।

सभा के दौरान भी योगेंद्र यादव ने कहा के मोदी सरकार ने सभी तरह से आंदोलन को दबाने और थकाने कि कोशिश कर ली, पर वो कामयाब नहीं हुए। किसान संयुक्त मोर्चा में शामिल 400 से ज्यादा संगठनों में से एक भी अलग नहीं हुए। और ये आंदोलन अब देश भर में फैल चुका है।

योगेंद्र ने ये भी कहा के आंदोलन कोई बड़े किसानों का नहीं बल्कि छोटे-छोटे किसानों का है। और ये जानकारी दी के 26 जनवरी को दस लाख देश भर से दिल्ली आएंगे, पर वे रुकेंगे नहीं और परेड ख़त्म होने पे वापस हों जायेंगे।

अंत में सभी किसान नेताओं ने ये दावा किया के आंदोलन पूरी तरह अहिंसक रहा है और आगे भी रहेगा। गणतंत्र दिवस परेड में कोई विघन्न नहीं डालेंगे, किसान का परेड अलग होगा।

सभा को नासिक से आए अखिल भारतीय किसान सभा के अशोक दावले, और बंगाल के कई संगठनों के नेताओं ने भी संबोधित किया।

Shahnawaz Akhtar

is Founder of eNewsroom. He loves doing human interest, political and environment related stories.

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