नेमरा, दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पैतृक गांव, आज ग़म और उम्मीद दोनों को समेटे है। गाँववाले अपने नेता को याद कर रहे हैं, वहीं हेमंत सोरेन उन्हीं राहों पर चलकर जल, जंगल, ज़मीन की विरासत निभाने का वादा कर रहे हैं। असली चुनौती इस जुड़ाव को सियासी ताक़त में बदलने की है।
शिबू सोरेन के शिष्य से लेकर झारखंड के चाणक्य तक: झामुमो के प्रति सोनू की अटूट निष्ठा और रणनीतिक कौशल ने भाजपा की मोदी, शाह और मरांडी की तिकड़ी को हराकर पार्टी को 34 सीटों की ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की। कल्पना सोरेन के उत्थान को सशक्त बनाने से लेकर भगवा खेमे को कमजोर करने वाले दल-बदल की योजना बनाने तक, सोनू के कदमों ने इंडिया ब्लॉक की नींव मजबूत की। उनके कुशल टिकट वितरण और विवेकशील सोशल मीडिया रणनीति ने झारखंड की राजनीति में झामुमो के प्रभुत्व को मजबूत किया