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एमबीए पास और एमएनसी में कार्यरत युवक ने मस्जिद में किया पेशाब, पुलिस ने भेजा जेल

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कोलकाता: झारखंड पुलिस ने गिरिडीह में एक मस्जिद के अंदर कथित तौर पर पेशाब करने के आरोप में चार लोगों को मौके से गिरफ्तार किया है। चारों आरोपियों में दो सगे और एक चचेरा भाई है। दो भाइयों में से एक के पास बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की स्नाकोत्तर डिग्री है और वह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (MNC) का कर्मचारी है। दूसरा एक होटल प्रबंधन पास आउट है। जबकि तीसरा चचेरा भाई, एक ठेकेदार और एक बेटी का पिता है। चौथा आरोपी रियल इस्टेट का कारोबारी है। सभी आरोपी गिरिडीह जिले के पचम्बा इलाके के रहने वाले हैं।

दोनों सगे भाइयों के पिता (मृतक) एक सरकारी स्कूल में शिक्षक थे।

दुर्गा पूजा उत्सव के नौवें दिन, नवमी को हुई इस घटना ने न केवल लोगों को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि धीरे-धीरे जब आरोपियों की शैक्षिक और व्यावसायिक पृष्ठभूमि जुड़ी जानकारी बाहर आने लगी तो लोगों को हैरान कर गई।

4 अक्टूबर को, एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (बैंगलोर कार्यालय) के कर्मचारी सन्नी राज, खुट्टा, तेलोडीह स्थित नई मस्जिद पहुँचे। 25 वर्षीय ने बरमूडा पहन रखा था (वर्तमान में घर से काम कर रहा था) और जबरन मस्जिद में प्रवेश किया, जबकि लोग ज़ोहर (दोपहर की नमाज़) अदा कर रहे थे। फिर वह मिम्बर [मस्जिद में ऊंचा उठा बैठने की एक जगह जहाँ इमाम (प्रार्थना के अगुआ) उपदेश देने के लिए खड़ा होते हैं] के पास पहुँचा और वहाँ पेशाब किया। जल्द ही लोगों ने उसे पकड़ लिया।

उसकी यह हरकत मस्जिद के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई।

“मस्जिद में मौजूद लोगों ने गेट के बाहर एक अन्य व्यक्ति रोहित राज (वो भी बरमूडा में) स्कूटर पे था, को पकड़ लिया। जबकि दो अन्य व्यक्ति – दीपालोक मित्रा और चंदन गुप्ता उससे कुछ दूरी पर एक चौपहिया वाहन में इंतजार कर रहे थे,” एफआईआर (कॉपी ईन्यूजरूम के साथ) के अनुसार।

“जब स्थानीय लोगों द्वारा उनके घिनौने कृत्य के लिए उन्हें पीटा जा रहा था, पुलिस मौके पर पहुँची, जिसके बाद आरोपियों को उन्हें सौंप दिया गया। लेकिन, एक समय था जब लोग इतने उत्तेजित थे कि उन्हें रोकने के लिए पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ी,” तेलोडीह पंचायत के मुखिया शब्बीर आलम ने बताया।

मस्जिद में पेशाब करने की घटना बहुराष्ट्रीय कंपनी एमएनसी एमबीए गिरिडीह झारखंड

बाद में, एक पुलिस जाँच के दौरान, यह पता चला कि सनी राज ने ऐसा करने के लिए पचम्बा मुख्य सड़क के किनारे स्थित एक अन्य मस्जिद में प्रवेश करने का प्रयास किया था, लेकिन वहां वह मस्जिद में प्रवेश नहीं कर सका क्योंकि लोगों ने उसे बरमूडा पहने हुए देखकर रोक दिया था।

पचम्बा थाना प्रभारी सौरव राज ने ईन्यूजरूम को बताया, “खुट्टा मस्जिद के सीसीटीवी में सब कुछ रिकॉर्ड हो गया है और आरोपियों के खिलाफ अन्य पुख्ता सबूत हैं।”

दोनों मस्जिदों में- आरोपी सनी राज की हरकतें- सफल और असफल सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई हैं।

एक मामला (कांड संख्या 130/2022) दर्ज किया गया है और भारतीय दंड संहिता की धारा-109, 153, 153 (ए) (2), 245, 295 (ए), 296, 12 सी (बी) और 34 आरोपियों पे लगाए गए हैं। कुल पाँच आरोपी हैं।

295 (ए) एक धारा है, जो धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य किए जाने पे लगाए जाते हैं। यह गैर जमानती अपराध है।

एक आरोपी बबला केशरी फरार है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हारिस बिन जमन ने ईन्यूजरूम को बताया, “हम बबला केशरी को गिरफ्तार करने के लिए नियमित छापेमारी कर रहे हैं।”

आईपीएस अधिकारी ने यह भी कहा कि पुलिस ने घटना के संबंध में मस्जिद से सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिया है, क्योंकि इसके प्रसार से समाज में तनाव पैदा हो सकता है।

हालाँकि, जब दीपालोक मित्रा की पत्नी, नयनतारा, एक निजी स्कूल की शिक्षिका, से संपर्क किया गया, तो उसने दावा किया, “हम एक संपन्न शिक्षित परिवार से आते हैं। सन्नी मानसिक रूप से अस्थिर है। जब मेरे पति को सन्नी के मस्जिद में प्रवेश करने का फोन आया, तो मैं अपने पति और उसके दोस्त चंदन को दोपहर का भोजन परोसने वाली थी। दीपालोक और चंदन, सन्नी को वापस लाने गए थे।

लेकिन, प्रभारी अधिकारी सौरव ने दावा किया, “हमारी जाँच के दौरान, हमें सन्नी में कोई ‘मानसिक असंतुलन’ नहीं पाया। इसके अलावा, अगर वह दिमागी तौर से ठीक नहीं है तो उसने एक मस्जिद में असफल होने के बाद चार किलोमीटर दूर दूसरी मस्जिद में अपने कृत्य को अंजाम देने की कोशिश क्यों की।”

मस्जिद में पेशाब करने की घटना बहुराष्ट्रीय कंपनी एमएनसी एमबीए बाइक झारखंड

“हमने गिरिडीह और झारखंड में एक बहुत बड़ी सांप्रदायिक घटना को होने से रोका है। अगर सीसीटीवी फुटेज नहीं होते, तो किसी को विश्वास नहीं होता कि नवमी पर एक हिंदू, मुस्लिम इलाके में जाएगा और मस्जिद में पेशाब करेगा,” तेलोडीह के मुखिया ने कहा।

उन्होंने आगे कहा, ‘हमें यह भी जानकारी मिली है कि सन्नी ने एक महंगी बाइक रॉयल एनफील्ड इंटरसेप्टर 650 खरीदी थी इस साल जुलाई में जिसकी कीमत 4 लाख से ज्यादा थी। अस्थिर दिमाग वाला व्यक्ति या उसका परिवार उसे ऐसी बाइक खरीदने की अनुमति नहीं देगा। यह शहर में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने की एक बड़ी साजिश थी। अब पुलिस को आगे की कारवाई करनी है।”

कौन हैं सन्नी राज?

एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के कर्मचारी सन्नी ने अपनी स्कूली शिक्षा गिरिडीह में की। बाद में उन्होंने बेंगलुरु से ह्यूमन रिसोर्सेज में एमबीए किया और वहीं नौकरी कर ली। स्पेनिश सिंगर एनरिक इग्लेसियस के फैन सन्नी अपनी ढेर सारी तस्वीरें शेयर किया करते थे। उनका सोशल मीडिया प्रोफाइल बताता है कि वह एक आत्मकेंद्रित व्यक्ति हैं। सन्नी इंस्टाग्राम पर भी काफी एक्टिव नजर आते हैं लेकिन उनकी प्रोफाइल प्राइवेट है। उनके पिता स्वर्गीय सुरेश नाथ मित्रा एक शिक्षक के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। गिरफ्तार उसके बड़े भाई ने भी बेंगलुरु से होटल मैनेजमेंट किया है और गिरिडीह में एक रेस्टोरेंट चला रहें हैं। रोहित की शादी हो चुकी है। उनकी बहन ने कानून की पढ़ाई की है और बेंगलुरु में एक फर्म के लिए कानूनी सलाहकार के रूप में काम करती हैं। चचेरा भाई दीपालोक, एक ठेकेदार है।

घटना पर राजनीति

गौरतलब है कि चारों आरोपियों का झारखंड में किसी भी राजनीतिक दल से कोई सीधा संबंध नहीं है। हालांकि झारखंड में विपक्ष में चल रहे एक राजनीतिक दल के कई नेता आरोपी के पक्ष में थाने पहुँचे। अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर उल्लेख किया कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस मुद्दे को खारिज करने के लिए उच्च पुलिस अधिकारियों को भी कॉल किया था।

घटना के दिन, थाने पर मौजूद तेलोडीह निवासियों ने हमदर्दों से यहां तक ​​कह दिया कि अगर दुर्गा पूजा के दौरान शहर में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए योजना नहीं बनाई गई थी, तो वे आरोपियों के बचाव में इतनी तेजी से थाना कैसे आए?

बाद में, पूर्व सांसद और भाजपा नेता रवींद्र राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और गिरिडीह पुलिस द्वारा चार लोगों की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया। राय ने पूछा कि क्या अब मुस्लिम क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, यह आरोप लगाते हुए कि इन्हें मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पकड़ा था और बाद में पुलिस ने उन्हें मुस्लिम क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार कर लिया।

13 अक्टूबर को, पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य की राजधानी में एक प्रेस वार्ता आयोजित किया और आरोप लगाया कि पुलिस ने झामुमो के दो विधायकों- सुदिव्या सोनू और सरफराज अहमद की मौजूदगी में चार आरोपियों को पीटा। उन्होंने आगे कहा, “पुलिस ने गिरफ्तार युवकों पर दबाव बना कर उनसे कबूलनामा भी लिया है।”

जिस पर झामुमो के जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने जवाब दिया, ”सबसे पहले बाबूलाल जी कद के नेता को ऐसी हरकत की निंदा करनी चाहिए जिसमें किसी ने किसी धार्मिक स्थल की शुचिता को बर्बाद करने की कोशिश की हो। लेकिन शायद अब उनसे (बाबूलाल) अब ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती।”

“अब, उनकी (बाबूलाल) राजनीति केवल समाज में धार्मिक विभाजन पैदा करने पर निर्भर करती है। इस मामले में झामुमो विधायकों का कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस अपना काम कर रही है। हम केवल इतना कह सकते हैं कि सरकार में रहते हुए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि न तो दोषियों को बख्शा जाए और न ही निर्दोषों को फंसाया जाए,” सिंह ने कहा।

सन्नी को छोड़, दूसरे आरोपियों के बारे में दावा धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचा सकते

पचम्बा निवासी और वकील आलोक रंजन ने दावा किया, “सन्नी शहर में ज्यादा नहीं रहता था इसलिए हमें उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन दीपालोक उस तरह के नहीं हैं जो दूसरों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचा सकते हैं।”

जबकि चंदन गुप्ता के पड़ोसी सुहैल आलम ने उनके लिए कहा, “पिछले साल, मेरे साथ एक बड़ा हादसा हुआ था। मैं अपनी इमारत से गिर गया था, और यह चंदन ही था जो मुझे आधी रात को न केवल अस्पताल ले गया, बल्कि बाद में रेफर होने पे मुझे दूसरे शहर में भर्ती कराया। उन्होंने मुझे इलाज के लिए आर्थिक मदद भी दी। मुझे नहीं लगता कि चंदन इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकता है।”

हालांकि, सूत्रों ने दावा किया कि बबला केशरी, जिसे पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है, घटना के बारे में कई राज उगल सकता है।

“मैं सन्नी को 15 साल से अधिक समय से जानता हूं। वह ऐसी हरकत करने वाला आदमी नहीं है। उसी दिन मुझे बबला केशरी का फोन आया कि सन्नी मस्जिद की ओर गया हुआ है। उसने मुझसे कहा कि जाओ और उसे लाओ। लेकिन जब तक मैं वहाँ पहुँचा, मैंने देखा कि कुछ हो चुका था और मस्जिद के लोगों ने उसे पकड़ लिया था। भीड़ को देखकर मैं आगे नहीं बढ़ा,” सन्नी के एक दोस्त ने कहा।

दोस्त ने आगे कहा, “तीन साल पहले उनके साथ कुछ समस्या थी, लेकिन अब वह ठीक हैं। हालांकि मैं पिछले तीन महीने से गिरिडीह में नहीं था। मैं दिल्ली में था, इसलिए मुझे नहीं पता कि हाल ही में उनके व्यवहार में कोई बदलाव आया है या नहीं।”

आरोपी के मस्जिद के अंदर पेशाब करने के कारणों पर पुलिस चुप्पी साधे हुए है। क्या उनके पीछे कुछ और लोग थे, या यह किसी नशीले पदार्थ या दोनों के प्रभाव घटना को अंजाम दिया गया था?

 

ये इंगलिश में प्रकाशित ख़बर का अनुवाद है

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