सोनिया गांधी के पास तीन ऑडियो, एक में सचिन पायलट बात कर रहे भाजपा के साथ मिल कर गहलोत सरकार गिराने की

लेखक बता रहें के राजस्थान में जो हो रहा इन सबका उद्देश्य केवल सत्ता लूटना नहीं राहुल गांधी को नए से नकारा सिद्ध करना है क्योंकि कोरोना और चीन मामले में वह अपनी उपादेयता सिद्ध कर चुके हैं

Date:

Share post:

वरिष्ठ पत्रकार पंकज चतुर्वेदी मानते हैं के अब जो तस्वीर सामने आ रही है उसमें सचिन पायलट का कांग्रेस से निकालने पर सहानुभूति होना नहीं चाहिए। वो इसके लिए कई तथ्य रख रहे अपने लेख में।

1. सोनिया गांधी के पास तीन से अधिक ऑडियो और एक वीडियो है जिसमें सचिन पायलट, रमेश मीणा और विश्वेन्द्र सिंह के साथ मिल कर बात कर रहे हैं जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिल कर अशोक गहलोत सरकार गिराने की बातचीत है। एक वीडियों में वे कांग्रेस आलाकमान को लगभग गाली देते दिखे हैं। इसके बावजूद प्रियंका गांधी, और सोनिया ने उनसे बात कर एक और मौका देने की बात कहीं– हालाँकि राहुल गांधी इस पर दृढ दिखे और उनका कहना था कि इस तरह की साजिश करने वाले को पार्टी में रहने का कोई हक नहीं।

2. असल में सचिन पायलट को चने के झाड़ पर चढाने वाली उनकी माँ रमा पायलट हैं और उनकी महत्वाकांक्षा ने अपने बेटे को पर्याप्त विधायक ना होते हुए भी विद्रोह, जिद्द पर अटकने को मजबूर किया। कांग्रेस आलकमान के पास इस बात के साबुत हैं कि रमा पायलेट की दो बार मुलाक़ात जे पी नड्डा से हुई और उसमें “डील” पक्की हुयी। वह पैसा राजस्थान में न घुस पाए, इसके लिए राज्य की सीमाएं सील की गयी।

3. अभी भी सचिन के जरिये निर्दलीय विधायकों पर डोरे डाले जा रहे हैं, अभी राजस्थान का सेमी फ़ाइनल है, फ़ाइनल अभी होगा।

4. यह करोड़ों का खेल है — इसके असल मोहरे ट्रायबल पार्टी और निर्दलीय हैं जिन पर दल बदल विरोधी कानून लागु होगा नहीं और इन्हें पैसे की जरूरत भी है। खबर थी कि गहलोत के भामाशाह भी पोटली खोले हैं सो सीन में ईडी इन्कम टैक्स आदि का प्रवेश हो गया।

दुखद है कि देश में वैचारिक प्रतिबद्धता “सात शून्य ” के आगे कोई राशि लगते ही धेला हो जा रही है। फिलहाल आप सत्ता में संख्या के खेल में जीत पर गौरवान्वित हो सकते हो लेकिन आने वाले दशक में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र इस खेल के चलते “बिडीयाना ” बन जाएगा।

यह भी जान लें इन सबका उद्देश्य केवल सत्ता लूटना नहीं राहुल गांधी को नए से नकारा सिद्ध करना है क्योंकि कोरोना और चीन मामले में वह अपनी उपादेयता सिद्ध कर चुके हैं।

कुछ “चुप्प संघी ” इसे – “ओल्ड गार्ड न्यू गार्ड ” का खेल बता रहे हैं — युवा का रोना रो रहे बताएं कि सिंधिया, पायलट, सुष्मिता देव, दीपेन्द्र हुड्डा सहित लगभग सभी युवा लोकसभा चुनाव क्यों हार गए? युवा प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट 20 विधायक नहीं जुटा पाया। राजनीति में कोई मेराथन दौड़ नहीं लगानी हैं — यहाँ आडवानी, मनमोहन सिंह भी उतनी ही जरुरी है जितना अमित शाह या मिलिंद देवड़ा। फिर जो लोग यह भूल जाते हैं कि कांग्रेस जिसकी राज्य और संसद में ताकत है नहीं उसका सामना अमित शाह से है — जो हर तरीका अपना कर, सभी तरह से सियासत की धारा मोड़ने में नैतिकता को कोई बाधा नहीं मानते। जो चाहते हैं कि कांग्रेस वही करे जो भाजपा करती है तो– वे सियासत का क कहरा भी नहीं जानते।

याद रखना होगा कि अभी १३ जून को ही पाकिस्तान से सटी सीमा पर हथियार और ड्रग तस्करों के कुछ फोन इन्टरसेप्ट हुए जिसमें अवैध धन का इस्तेमाल गहलोत सरकार गिराने मे किये जाने की बातचीत थी। इस आधार पर आरएसएस के दो नेता गिरफ्तार भी किये गये। जाहिर है कि हमला दोतरफा प्लान किया गया- भीतर से पायलट और बाहर से आरएसएस। इसके बावजूद जिन्हें लग रहा है कि पायलट बेचारा है तो वे भी लोकतंत्र विरोधी हैं — कुछ अभी पुराना इतिहास गिनवा सकते हैं– अमुक साल में कांग्रेस ने ये किया — अरे उन्होंने किया तो ४४ पर हैं और क्या वह सब कुछ आपको भी करना अनिवार्य है क्या? यदि वह अनैतिक था तो भी!

एक खबर — झारखण्ड में भी कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुने गए चार विधायकों को मोटी रकम का लालच दिया गया। यह काम राज्यसभा चुनाव के पहले शुरू हुआ था — मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ख़ुफ़िया तन्त्र मजबूत है और उन्होंने इसे संभाल लिया, अभी परसों भी झारखण्ड सरकार को पलटने के लिए कतिपय कांग्रेस विधायकों के साथ डील का प्रयास हुआ जिसे विधायकों ने स्वीकार नहीं किया — वहाँ भी खेल चल रहा है।

 

ये लेखक के निजी विचार हैं। 

1 COMMENT

  1. If there is a Madhya Pradesh act or Rajasthan attempt in Jharkhand, one can simply imagine arrows flying all around. For all Jharkhandis undead is the language of the FOREST.

    The story was good. But I am sure Pilot Rajasthan ka airplane nahi uda sakta.

Comments are closed.

spot_img

Related articles

New Masjid in Murshidabad: Qur’anic Caution for a Community Still Healing from Babri

A new mosque project in Murshidabad has triggered discussion over intention and politics, especially on December 6. Qur’an 9:108 and the Masjid Dhirar lesson stress sincerity as the foundation of any masjid. With Babri’s memory alive, the community urges caution and taqwa.

Delhi Teen Saahil Shot at Close Range by CISF Constable: A Brutal Reminder of India’s Unchecked Uniformed Power

Saahil, 14, was collecting stray wedding notes in Delhi when a drunk CISF constable slapped him and shot him point-blank. His death reveals deep structural failures—unchecked police power, weak firearm regulations, child labour, and social inequality that make poor children India’s most vulnerable targets of State violence.

How the Babri Masjid Demolition Became a Turning Point in India’s Constitutional Decline

Thirty-three years after the demolition of the Babri Masjid, the event occupies a troubled and unresolved position in...

Babri Demolition’s Echo in 2025: Why 6 December Still Defines the Muslim Experience in India

There are dates in a nation’s history that refuse to stay confined to calendars. They do not fade...