ScribeShah

Exclusive Content

spot_img

झारखंड में 15 नवंबर से नेतरहाट उत्सव, कच्छ रण उत्सव से मिली प्रेरणा: पर्यटन मंत्री

झारखंड सरकार पर्यटन को नया आयाम देने के लिए बड़े बदलाव कर रही है, जिसमें इको-टूरिज्म, होमस्टे और होटल इंडस्ट्री में सुधार शामिल है। पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू का कहना है कि धार्मिक पर्यटन पर खर्च होने वाले बजट को संतुलित कर राज्य की सांस्कृतिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। जेईटीए को पुनर्जीवित कर विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जेएफ़एमसी में महिलाओं की भागीदारी 50% तक बढ़ाई जा रही है, और स्काईडाइविंग से लेकर जंगल सफारी तक नए पर्यटन अनुभवों पर काम हो रहा है।

बजट 2025 में सामाजिक सुरक्षा, मातृत्व लाभ और शिक्षक भर्ती की जरूरत: झारखंड जनाधिकार महासभा की वित्त मंत्री से मुलाकात

झारखंड में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के भुगतान में देरी से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। झारखंड जनाधिकार महासभा ने वित्त मंत्री से इसे ₹1000 से बढ़ाकर ₹2500 करने का सुझाव दिया। साथ ही, शिक्षकों की कमी और बेहतर वेतन के लिए भी सरकार से शीघ्र कदम उठाने की मांग की गई

गणतंत्र दिवस: संविधान और आज की हकीकत

76वें गणतंत्र दिवस पर संविधान के वादे पर सवाल उठते हैं। भेदभाव, धार्मिक ध्रुवीकरण और अल्पसंख्यकों, ख़ास कर मुसलमानों और ईसाइयों पर बढ़ते हमले गणतंत्र की भावना को कमजोर कर रहे हैं। समानता और न्याय के संवैधानिक मूल्यों को बचाने की जरूरत पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। क्या भारत वाकई सबके लिए समान है?

পশ্চিমবঙ্গের বাঙালি মুসলমান পরিকল্পিত বিদ্বেষের শিকার

মির্জা মোসারফ হোসেন গত নভেম্বরে মুর্শিদাবাদ জেলার বেলডাঙায় জগদ্ধাত্রীপুজোর সময়ে এক প্যান্ডেলের ইলেকট্রনিক ডিসপ্লেতে কিছু মুসলমানবিদ্বেষী কথাবার্তা লেখা হওয়া থেকে সাম্প্রদায়িক উত্তেজনা ছড়ায়। মুসলমান সম্প্রদায়ের...

गंगा की धारा में छिपी कहानियां: विद्या भूषण रावत का दस्तावेज़ी सफर

https://www.youtube.com/watch?v=TLn208AH0OQ   कोलकाता: विद्या भूषण रावत, एक मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक और फ़िल्म निर्माता हैं, जिन्होंने पवित्र गंगा नदी के साथ एक बदलावकारी यात्रा की। यह...

Where Roads End and Courage Begins: The Life and Death of Mukesh Chandrakar

Mukesh Chandrakar, a fearless freelance journalist from Bastar, spent his life uncovering the harsh truths of India’s ‘red corridor.’ Despite growing up amidst conflict and displacement, he pursued a career in journalism, exposing corruption and human rights violations. His investigative report on a road construction scam in Bijapur led to his tragic death on January 1, 2025. Mukesh’s murder highlights the perilous reality faced by journalists in conflict zones, where seeking the truth comes at the highest cost. His legacy lives on in his work, challenging both authorities and the system that failed to protect him.