Tag: हेमंत सोरेन
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दिशोम गुरु की राह पर: हेमंत सोरेन और झारखंड का नया सफ़र
नेमरा, दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पैतृक गांव, आज ग़म और उम्मीद दोनों को समेटे है। गाँववाले अपने नेता को याद कर रहे हैं, वहीं हेमंत सोरेन उन्हीं राहों पर चलकर जल, जंगल, ज़मीन की विरासत निभाने का वादा कर रहे हैं। असली चुनौती इस जुड़ाव को सियासी ताक़त में बदलने की है।
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किताबों से निकले, जंगलों में लड़े, संसद तक पहुंचे—शिबू सोरेन की ज़िंदगी एक पाठशाला
ल 2005 में जब झारखंड में पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे थे, तब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने गुरुजी—शिबू सोरेन—के लिए एक हेलिकॉप्टर किराए पर लिया था। एक हफ्ते की ताबड़तोड़ रैलियों के बाद जब पायलट मीर को विदा करने का वक्त आया, तो हम सबने साथ में एक कप कॉफी पी। बातचीत के…
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आदिवासी बीज है जिस पर आप जितना मिट्टी डालोगे, वो पौधा बनकर वापस बीज देगा- कल्पना सोरेन
गिरिडीह: कल्पना सोरेन के पति, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भले जेल में हैं, पर झारखंड मुक्ति मोर्चा नेत्री पूरे आत्मविश्वास से कहती हैं कि आदिवासी एक बीज है जिस पर आप जितना मिट्टी डालोगे, वो पौधा बनकर वापस बीज देगा और ये भी दावा करती हैं कि जल्द देश को आदिवासी नेतृत्व मिलेगा।ए मार्च 4…
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हेमंत सोरेन एक सोच है, बीजेपी उसे कैद नहीं कर सकती है- कल्पना सोरेन
गिरिडीह: हेमंत सोरेन के शरीर को भाजपा ने जेल में बंद कर रखा है, पर हेमंत सोरेन की सोच को वो बंद नहीं रख सकते। यहाँ जितने भी लोग आए हैं- बच्चे, बड़े, औरतें सब हेमंत सोरेन हैं, कल्पना सोरेन ने गाण्डेय विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन करने के बाद अपने भाषण में कहा। गाण्डेय…
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झारखंड मुक्ति मोर्चा: महाजनी प्रथा और माफिया राज को खत्म करने वाली पार्टी, एक बड़ी राजनीतिक लड़ाई रही
झारखंड मुक्ति मोर्चा, जिसकी स्थापना 1973 में हुई थी अब आधे दशक का सफर तय कर चुकी है। वैसे तो 4 फरवरी, 1973 में इसकी स्थापना धनबाद में हुई थी, पर 4 मार्च, 1973 को ही गिरिडीह में भी इसकी बुनियाद रखी गयी थी। गिरिडीह में आज इसे समारोह के तौर पर मनाया जा रहा…
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झारखंड पारा-वेट्स ‘कोविड योद्धाओं’ को 10 महीने से मजदूरी नहीं
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के लोगों के रोजगार के मुद्दे पर समय-समय पर चिंता व्यक्त की है, लेकिन अधिकारी उनका उल्टा करते हैं। तीन पारा-वेट्स (कोविड योद्धाओं) जो झारखंड के पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख के जिले, देवघर से आते हैं, उन्हें अब दस महीने से मजदूरी नहीं मिली है।…