समलैंगिक सम्बन्ध में नहीं थी पेड़ से लटकी पायी गयी आदिवासी खिलाड़ी लड़कियां- पीड़ित परिवार

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रांची: 11 अगस्त को दो आदिवासी लड़कियों का शव सिमडेगा के अरानी पंचायत में पेड़ से शव को लटकते पाया गया था। ये दोनों श्रधा (सिमडेगा) और सुनंदिनी (राउरकेला) हॉकी खिलाडी थी एवं कई अन्य खेलो के टूर्नामेंट में भी भाग ली थी। दोनों लड़कियां हमीरपुर, राउरकेला में मैरी पूर्ति के यहाँ रहकर इन्ही की दिशा निर्देश में हॉकी सिख रही थी। मैरी पूर्ति विभिन्न क्षेत्रो से महिला खिलाडियों को प्रशिक्षण एवं आगे की पढाई में मदद करने के नाम पर उन्हें राउरकेला बुलाती थी।

वही सिमडेगा पुलिस इस घटना को दोनों के बिच में प्रेम प्रसंग और समलैंगिक सम्बन्ध होने की वजह से आत्मत्या मान रही है।

17 अगस्त से 22 अगस्त तक सामाजिक कार्यकर्ता, वकील एवं अन्य संगठन से जुड़े लोग इस घटना से सम्बंधित तथ्यों को जानने के लिए झारखण्ड के सिमडेगा, अरानी,बीरू, भुकुमुंडा पतराटोली, बांसजोर एवं ओड़िशा के लचड़ा, गुरुनंदिया, हमीरपुर (राउरकेला) का दौरा किया। दल ने मृतक लडकियों के परिवार, ग्रामीण, कोच और पुलिस से मुलाकात की।

तथ्यान्वेषण के दौरान दल ने पाया की इन लड़कियों के दोनों परिवारों एवं ग्रामीणों ने इस घटना को हत्या बताया है पर पुलिस ने श्रधा और सुनंदिनी के परिवार वालों के पक्ष को नही सुना और आगे की कारवाई से इंकार कर दिया। साथ ही पुलिस ने श्रधा के पिता को ही फ़साने की धमकी भी दी। इस घटना में गवाह पुष्पा लोहार के अनुसार श्रधा और सुनंदिनी के बिच समलैंगिक सम्बन्ध थे, श्रधा नशे की आदि थी, श्रधा की पिता की तीन शादियाँ हुई है।  लेकिन दल ने श्रधा के परिवार और गाँव के लोगो से बातचीत से पाया की पुष्पा के ये सारे बयान गलत है, श्रधा के पिता राजेश सोरेंग की एक ही शादी हुई है और वो किसी प्रकार का नशा नही करती थी और छोटी उम्र से ही तैराकी करती थी।

पुलिस ने इस घटना से सम्बंधित विभिन्न पहलु– अंतिम बार सुनंदिनी के फोन से सोनम पूर्ती के फ़ोन पर मैसेज किया था, सोनम पूर्ति ने मृत्यु के घटना के एक दिन पहले ही सुनंदिनी के सारे सामान राउरकेला से लगभग 80 से 90 किलोमीटर दूर सुनंदिनी के गाँव लचडा पहुंचा दिया, मैरी पूर्ति के लडकियों को पढाने के नाम पर ओड़ीसा लाने के बावजूद कहीं भी नामांकन कराने को लेकर जाँच पड़ताल नही की। सुनंदिनी के कोच मैरी पूर्ति के परिवार के सदस्यों से पूछताछ एवं अन्य जाँच नही की गयी।

इस पुरे घटना में पुलिस और गवाह के बयान के अनुसार समलैंगिकता को एक आरोप की तरह इस्तेमाल किया गया और मामले को दबाने की कोशिश की गयी।

गत वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने 377 हटाकर समलैंगिकता को अपराधमुक्त किया है एवं एक समान समलैंगिक व्यक्ति को जीने का अधिकार है।

फैक्ट फाइंडिंग टीम ने मांग किया है, 1- इस घटना को पुनः निष्पक्ष झारखण्ड एवं ओड़िशा पुलिस जाँच करे, 2- पुलिस के द्वारा समलैंगिकता को नकारात्मक एवं अपराध की दिशा में बयान देने को लेकर इस घटना की जाँच से सम्बंधित पुलिसों पर करवाई की जाए, 3- आखिरी बार सुनंदिनी के फोन के अनुसार सोनम पूर्ती को मैसेज किया था, इस मैसेज के आधार पर धारा 306 के तहत सोनम पूर्ती से पूछ-ताछ और प्राथमिकी दर्ज की जाए, 4- झारखण्ड सरकार यह सुनश्चित करे की इस घटना से सम्बंधित जाँच के दौरान श्रधा और सुनंदिनी के परिवार पर दबाव न बनाया जाए एवं पूर्ण सरकारी सहयोग मिले।

दल में शामिल व्यक्ति– तारामणि साहू (सामाजिक कार्यकर्ता), पल्लवी प्रतिभा (सामाजिक कार्यकर्ता), आरिफ राजा (NHRO),  धर्मेन्द्र (NHRO), अनूपा, इस्लोस्टीका, निर्मला खलको और रेगिना (सभी आदिवासी वोमेंस नेटवर्क) और विवेक कुमार (भोजन का अधिकार अभियान झारखण्ड)।

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