राजस्थान सरकार ने पहलू खान लिंचिंग प्रकरण में एसआईटी की घोषणा की
जयपुर: शुक्रवार देर रात को पहलू खान प्रकरण जिसमे में हाल ही में आए न्यायालय के निर्णय को लेकर राजस्थान मुख्यामंत्री कार्यालय (सीएमओ) में पुलिस के आला अधिकारियों के साथ अशोक गहलोत ने एक बैठक की। इस दौरान इस प्रकरण के घटनाक्रम एवं अनुसंधान में रही त्रुटियों पर भी चर्चा हुयी।
गहलोत सरकार ने एक एसआईटी की अनुशंसा की है। जिसके तीन सदस्या टीम 15 दिनो में सरकार को रिपोर्ट सोंपेंगे।
राजस्थान सरकार ऊपरी अदालत भी जाएगी मामले को लेकर।
बैठक के बाद मुख्यामंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर भी ये जानकारी दी, “बैठक में निर्णय किया गया कि अधीनस्थ न्यायालय के निर्णय पर अपील की जाए, जिसमें एक वरिष्ठ अधिवक्ता की सेवाएं ली जाएंगी। सम्पूर्ण प्रकरण की जांच के लिए एडीजी क्राइम की निगरानी में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया जाएगा। यह एसआईटी 15 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।“
गहलोत ने ट्वीट कर भी ये जानकारी दी के, एसआईटी अनुसंधान में रही त्रुटियों एवं अनियमितताओं को चिन्हित कर इनके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करेगी। यह एसआईटी ऐसे महत्वपूर्ण मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्यों को भी एकत्रित करेगी, जो प्रकरण में एकत्रित नहीं किए गए।
मालूम हो की जब पहलू खान के लिंचिंग के दोषी 6 आरोपियों को अलवर के एक कोर्ट ने बारी कर दिया तो गहलोत सरकार की बहुत किरकिरी हुयी के वसुंधरा राजे के बीजेपी के सरकार में पहलू खान की निर्मम हत्या हुयी और उसे काँग्रेस के सरकार में भी इंसाफ नहीं मिला।
साल 2017 के अप्रैल की पहली तारीख को पहलू खान जो के मवेशी के दूध का कारोबार करता था। अलवर अपने घर मवेशी को लेकर जा रहा था। पर उसे और उसके साथियो, जिसमे उसका भाई रफीक खान भी शामिल था के गाड़ी को रोक कर बुरी तरह पीटा गया। इस घटना में खास कर पहलू खान की बेरहमी से पिटाई की गयी, तथाकतिथ गौ रक्षको के द्वारा।
पहलू खान की मौत अप्रैल 3 को इलाज के दौरान हो गयी थी। इस मामले में कुल 9 आरोपी हैं। 3 उसमे नाबालिग हैं। जिंका ट्राइल अलग से चल रहा है।
राजस्थान की काँग्रेस सरकार ने कुछ ही दिनो पहले मोब लिंचिंग और ऑनर कील्लिंग को रोकने के लिए नया कानून बनाया है।