झारखंडलोकसभा चुनाव

कोडरमा: तो झारखंड के ‘उत्कृष्ट’ विधायक विनोद सिंह करेंगे भाजपा के मंत्री अन्नपूर्णा देवी का मुकाबला

महेंद्र सिंह के पुत्र विनोद, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर डिग्री धारक हैं। इंडिया ब्लॉक के संयुक्त उम्मीदवार बने बागोदर विधायक

रांची: काफी इंतज़ार के बाद, सीपीआईएमएल ने इंडिया ब्लॉक के तरफ से कोडरमा से विनोद सिंह को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की है। जहां बागोदर के तीन बार के विधायक का भारतीय जनता पार्टी की अन्नपूर्णा देवी से सामना होगा। अन्नपूर्णा देवी एनडीए की सरकार में राज्य मंत्री हैं।

कोडरमा संसदीय क्षेत्र में पाँच विधानसभा है— बागोदर, गाण्डेय, जमुआ, धनवार और कोडरमा। कोडरमा छोड़ चारो विधानसभा गिरिडीह ज़िला के अंतर्गत आता है।

1977 से जब से कोडरमा लोकसभा के चुनाव शुरू हुआ, तब से अब तक 13 बार चुनाव हुए और सबसे ज्यादा 6 बार भाजपा जीती है इस सीट से। अगर रितलाल प्रसाद वर्मा के जनता पार्टी और बाबूलाल मरांडी (जो फिर से वापस भाजपा में जा चूके है) के एक बार निर्दलीय और एक बार जेवीएम से जीत को जोड़ दे तो कोडेरमा में बीजेपी या उनसे जुड़े लोग, 9 बार जीत कर संसद में भेजे गए हैं।

वहीं बगोदर से तीन बार महेंद्र सिंह विधायक रहे और अब तीन बार विनोद सिंह है। और इस उम्मीदवारी के साथ, बगोदर में हुए अब तक के काम की भी चर्चा होगी और कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के विकास की भी बात होगी।

अन्नपूर्णा देवी, जिन्हें मंत्री पद भी मिला उनके काम की भी बात होगी और, विनोद सिंह ने किस तरह का काम किया इस पर भी। अन्नपूर्णा देवी पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में थी, आरजेडी से विधायक भी बनी पर 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होनें आरजेडी छोड़ भाजपा जॉइन कर लिया।

वहीं 48 साल के विनोद सिंह ने, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नाकोत्तर तक की पढ़ाई की और महेंद्र सिंह की हत्या के बाद वो राजनीति में आए। साल 2022 में झारखंड का उत्कृष्ट विधायक सम्मान से उन्हें सम्मानित किया गया। जब हेमंत सोरेन को ईडी की गिरफ्तारी की वजह से इस्तीफा देना पड़ा, उस वक़्त माले विधायक ने चंपई सोरेन की सरकार बनने में महत्वपूर्ण रोल अदा किया था और कई बार गठबंधन के नेताओं के साथ राज्यपाल से मिले थे।

“सबसे पहले मैं इंडिया गठबंधन के सभी पार्टियों को धन्यवाद करना चाहता हूँ। और कोडरमा की जनता को ये बताना चाहता हूँ विकास के जरूरी कामों के साथ, चाहें वो किसी भी तबके की आवाज़ हो आप्रवासी मजदूरों की बात हो या दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, महिला सभी के सवालों को उठाने का काम माले ने सड़क से लेकर सदन तक किया है। कोडरमा में जीत मिलने से इस आवाज़ को और मजबूती मिलेगी,” ईन्यूज़रूम को विनोद सिंह ने बताया।

“दूसरी सबसे अहम बात, इस बार कोडरमा में लड़ाई भाजपा की किसी उम्मीदवार या इंडिया ब्लॉक से नहीं है, इस बार भाजपा बनाम कोडरमा चुनाव है। भाजपा को अपने 30 साल के कामों का हिसाब जनता को देना होगा, आखिर क्यों कोडरमा अब भी देश के सबसे पिछड़े इलाके में शुमार होता है, न स्वास्थय का क्षेत्र बेहतर हुआ न शिक्षा में कुछ काम हुआ?” विनोद सिंह ने सवाल किया।

और आखिर में कहा, “कोडरमा से एक से एक बड़े नाम और कद्दावर नेता सांसद बने, उनमें से मैं सबसे छोटे कद का उम्मीदवार हूँ, पर मैं कह सकता हूँ कि मैं कभी जनता के सवालों का सौदा नहीं करूँगा और कोडरमा की जनता के लिए एक सशक्त आवाज़, संसद में बनने का काम करूँगा।“

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