राय

Why Indira Gandhi Remains India’s Most Influential and Most Debated Prime Minister

Let us recall the achievements of Indira Gandhi, whose birth anniversary we celebrate today. She has undoubtedly been one of India's most powerful rulers ever -- with a baggage...

नेताओं ने झारखंड की ज़मीन, जनता के हक़ के बदले सौंप दी कंपनियों को- झारखंड जनाधिकार महासभा

झारखंड अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है, लेकिन झारखंड आंदोलन के सपने पहले से कहीं ज़्यादा दूर हैं।...

El Fashir Has Fallen — and So Has the World’s Conscience on Sudan

The seizure of the city of El Fashir in North Darfur by the paramilitary Rapid Support Forces (RSF)...

Politics, Power, and Cinema: Author Rasheed Kidwai Captivates Dubai Audience

Dubai: Literature enthusiasts from India and Dubai gathered at the India Club for a memorable evening with celebrated...

The Untamed Soul of Indian Cinema: How Ritwik Ghatak’s Art Still Speaks to Our Times

The World Cinema Project has restored, among other films, Titas Ekti Nodir Naam by Ritwik Ghatak. Martin Scorsese,...
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राशन पर ओटीपी की मुहर: झारखंड की हाशिए की आबादी भूख और अपमान के बीच फंसी

झारखंड में राशन कार्ड अपडेट के लिए अब आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर OTP जरूरी हो गया है। इससे ग्रामीण महिलाओं और गरीब परिवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सीमित डिजिटल साक्षरता, मोबाइल की कमी और बढ़ते खर्च ने सरकारी योजनाओं की पहुंच को और सीमित कर दिया है।

इतिहास की अदालत में औरंगजेब: न्याय, मिथक और राजनीति

क्या इतिहास सत्ता की चकाचौंध में धुंधला हो सकता है? मुगल शासक औरंगजेब की विरासत, जो सात समंदर पार प्रसिद्ध थी, आज एकतरफा नैरेटिव के घेरे में है। उसकी उपलब्धियों और गलतियों का सम्यक मूल्यांकन करने के बजाय, अतीत को विकृत कर वर्तमान की राजनीति साधने का प्रयास हो रहा है।

गणतंत्र दिवस: संविधान और आज की हकीकत

76वें गणतंत्र दिवस पर संविधान के वादे पर सवाल उठते हैं। भेदभाव, धार्मिक ध्रुवीकरण और अल्पसंख्यकों, ख़ास कर मुसलमानों और ईसाइयों पर बढ़ते हमले गणतंत्र की भावना को कमजोर कर रहे हैं। समानता और न्याय के संवैधानिक मूल्यों को बचाने की जरूरत पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। क्या भारत वाकई सबके लिए समान है?

गुम होती धुनें, खोते कलाकार: पाकिस्तान के लोक-संगीत की सिसकियां

'इंडस ब्लूज़' पाकिस्तान की सांस्कृतिक विरासत का एक शोकगीत है। यह उन आखिरी कलाकारों और शिल्पकारों की दास्तान है, जो मिटते हुए संगीत को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं। इनकी कला और धुनें उनके साथ खत्म हो रही हैं, मगर उनकी कहानियां दिलों में गूंजती रहेंगी।

संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के अपने ही आरोप को भाजपा ने अदालत में नकारा

झारखंड जनाधिकार महासभा की रिपोर्ट ने भाजपा के घुसपैठ दावे को खारिज करते हुए बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठ की कहानियां केवल साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए फैलाई जा रही हैं

अन्नदाता का संकट केवल अकेले का ही नहीं, समाज के सभी वर्गों को आने वाले समय में प्रभावित करेगा

वो अन्नदाता है, कह कर राजनीति हमेशा अपने दायित्व से बचने की ढाल के रूप में इसे प्रयोग करने से चूकती नहीं। खेती किसानी...
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