भारत जोड़ो यात्रा मेरी तपस्या है: राहुल गांधी

हाल ही में जब भारत जोड़ो यात्रा ने जब महाराष्ट्र में प्रवेश किया तो मैं भी उसमे शामिल हुआ। इस दौरान राहुल गांधी के साथ कुछ देर चलने और बातचीत करने का भी मौका मिला। इसे मैं तीन किस्तों में लिखा रहा हूँ।

प क्यों चल रहे हैं?”, मैंने भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी से पूछा

राहुल: क्या आप पूजा और तपस्या में अंतर जानते हैं?

मैं: हाँ, पूजा प्रार्थना है और तपस्या योगसाधना (penance) है

राहुल: तपस्या शब्द ‘तप’ से बना है, जिसका अर्थ होता है गर्मी। जब आप तपस्या करते हैं तो आप गर्मी उत्पन्न करते हैं। वह गर्मी जो आपको खा जाती है। यह आपको पीड़ा देता है, यह आपको पीड़ा देता है और फिर आप प्राप्त करते हैं

मैं: लेकिन आप क्या हासिल करने की उम्मीद करते हैं?

राहुल: आपका प्यार, आपका आशीर्वाद, हमारी एकता

मैं: और भी तरीके हो सकते थे।

राहुल: हाँ। ज़रूर। लेकिन मैं बिना प्रयास किए, बिना तप किए कुछ भी हासिल नहीं करना चाहता। जब तक कोई उपलब्धि मुझे चोट नहीं देती,पीड़ा नहीं देती, वह उपलब्धि कहलाने लायक नहीं है। ये भारत जोड़ो यात्रा मेरी तपस्या है।

मैं: और मुझे यकीन है कि आप हासिल करेंगे।

राहुल: बिना किसी अपेक्षा के करी तपस्या, ही सफल तपस्या हो सकती है। मुझे नहीं पता कि जो मैंने करने की ठानी है उसे मैं हासिल कर पाऊंगा या नहीं, लेकिन मैं तब तक तप करता रहूंगा जब तक मैं इसे हासिल नहीं कर लेता।

और इसी वजह से राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में चल रहे हैं।

और यही कारण है कि हम सभी को उनके साथ चलना चाहिए और आशा है कि वह सफल होंगे।

उनसे मिलना आसान नहीं है, लेकिन अगर मिलते हैं, तो वह बात करने के लिए सबसे आसान आदमी है, कभी भी!
वह डराने वाले नहीं है और वह बातचीत में आप पर हावी होने की कोशिश नहीं करते हैं, चर्चा बस सुचारू रूप से चलती है।

वह सुनते है, बोलते है, वह आपको बात करने देते है और अद्भुत स्पष्टता के साथ इसका जवाब देते है।
यह आदमी कोई पप्पू नहीं है… यह एक हीरा है।

मैं रागा (राहुल गांधी) के साथ अपनी बातचीत पर कई पोस्ट लिखूंगा और अपने सुझावों के साथ भारत जोड़ो यात्रा के पूरे अनुभव के बारे में भी लिखूंगा।

सिर्फ एक पोस्ट में सब कुछ लिख पाने की कोशिश करना एक बहुत बड़ा अपकार या अन्याय होगा।

मैं गंभीरता से सुझाव देता हूं कि आप में से कोई भी जो भारत को एकजुट करने में रूचि रखता है, जाइए और भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा बनिए, राहुल गांधी से मिलने या किसी के साथ तस्वीरें खिंचवाने के लिए नहीं बल्कि अपने लिए। यही आपकी तपस्या होगी।

 

ये लेख अँग्रेजी में थी, इसे विवेक लेखी ने अनुवाद किया है

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