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इंफोसिस से एलएंडटी तक: लंबी ड्यूटी का आह्वान और गिरिडीह के मज़दूरों का हाल

आज 70 घंटे काम करने की बहस जोरों पर है, गिरिडीह के मजदूर अपनी 12 घंटे की शिफ्टों में लंबे समय से काम करने पर मजबूर हैं। स्पंज आयरन फैक्ट्रियों से होने वाला प्रदूषण एक समानांतर संकट बन चुका है, जिससे विरोध और न्याय की मांगें उठ रही हैं। राजनीतिक महत्व के बावजूद, यह ज़िला श्रमिक कानूनों और पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी का एक बड़ा उदाहरण बना हुआ है

केरल के मंदिरों से लेकर बॉलीवुड के मंच तक, केजे येशुदास की आवाज़ ने हर संगीत प्रेमी के दिल में अपनी खास जगह बनाई

आज स्वर सम्राट केजे येशुदास और येसुदास का 85वां जन्मदिन है और इस अवसर पर दुनिया भर मे उनके चाहने वाले उन्हे शुभकामनाएं भेज...

गुम होती धुनें, खोते कलाकार: पाकिस्तान के लोक-संगीत की सिसकियां

'इंडस ब्लूज़' पाकिस्तान की सांस्कृतिक विरासत का एक शोकगीत है। यह उन आखिरी कलाकारों और शिल्पकारों की दास्तान है, जो मिटते हुए संगीत को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं। इनकी कला और धुनें उनके साथ खत्म हो रही हैं, मगर उनकी कहानियां दिलों में गूंजती रहेंगी।

मदरसे से यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैम्पटन तक: कोलकाता के नौजवान ने इंटरनेशनल कामयाबी से तोड़े पूर्वाग्रह

मोहम्मद इसरार ने मदरसा तालीम के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा में भी हासिल की बुलंदियां। इतिहास से मैरिटाइम आर्कियोलॉजी तक का सफर तय करते हुए उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैम्पटन से मास्टर डिग्री पूरी की। उनकी कामयाबी ने मदरसों से जुड़ी तमाम नकारात्मक धारणाओं को तोड़ने का काम किया।

फकीर से फेम तक: मोहम्मद रफ़ी की सुरों भरी कहानी

रफ़ी साहब ने हर गाने को अपनी अनोखी आवाज़ से ऐसा सजाया कि वह हमेशा के लिए अमर हो गया। उनकी गायिकी में हर रंग—चुलबुलाहट, रोमांस, दर्द और भक्ति—खूबसूरती से झलकता था। भारतीय सिनेमा में उनका योगदान एक सुनहरे युग की पहचान है

ज़ाकिर हुसैन के साथ संगीत के सफर में: अमेरिका के एक सितारिस्ट की आंतरिक यात्रा

हिमालय की आवाज़ें और ज़ाकिर हुसैन की अनोखी धुनों से प्रभावित लेखक (पं. रवि शंकर के शागिर्द और सितारवादक) अपनी ज़िंदगी में उनके संगीत से मिली प्रेरणा को याद करते हैं। ज़ाकिर का संगीत परंपराओं से आगे बढ़कर तबले को जैज़, अफ्रीकी और लैटिन बीट्स से जोड़ता रहा, लेकिन उनके पंजाब घराने की जड़ों के लिए उनका प्यार कभी कम नहीं हुआ। उनकी मासूम, बच्चे जैसी लगन और गहरे एहसास ने हमेशा संगीतकारों को रास्ता दिखाया है। आज दुनिया उनके जाने का ग़म मना रही है, मगर उनका संगीत हमेशा ज़िंदा रहेगा