स्कूल

शिक्षा में बदलाव के लिए कुछ खिड़कियां खुली हैं

संविधान के मुताबिक ‘लोकतांत्रिक गणराज्य’ बनाने के लिए बराबरी, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुता मूलभूत मूल्य हैं। लेकिन शिक्षा व्यवस्था गैर-बराबरी और भेदभाव की बुनियाद पर खड़ी की गई है जबकि सबको समतामूलक शिक्षा मुहैय्या करना संवैधानिक तकाज़ा था। विडंबना है कि जितनी परतों में समाज बंटा हुआ था उतनी ही परतों में बंटी शिक्षा व्यवस्था …

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यह स्कूल था कभी आवारा पशुओं का ठिकाना

शिलटे (पालघर):  इस स्कूल की तस्वीर देखिए। क्या आप पूरे स्कूल परिसर की सुंदर तस्वीर देख यह कल्पना कर सकेंगे कि यह जगह कभी अवारा पशुओं का ठिकाना हुआ करती थी। यहां के शिक्षक जब सुबह स्कूल खोलते थे तो उनका पहला काम हुआ करता था दरवाजे और आसपास से गाय के गोबर को साफ …

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