शिरीष खरे
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पुस्तक समीक्षा
‘नदी सिंदूरी’ पर बोले अभय दुबे- घटनाएं चरित्रों की तरह दिखने लगे तब रचना साधारण नहीं रह जाती
नई दिल्ली। जब घटनाएं और गतिविधियां चरित्रों की तरह दिखाई देने लगे तब वह रचना साधारण नहीं रह जाती। शिरीष…
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ताज़ातरीन
एक देश बारह दुनिया: देश-देहात के संकटों की पड़ताल करती पुस्तक
मूलत: हिन्दी भाषा के ग्रामीण पत्रकार और बतौर फ्रीलांसर ईन्यूजरूम से जुड़े शिरीष खरे की पुस्तक ‘राजपाल एंड संस, नई…
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