महाराष्ट्र

बर्तन कारीगर महाराष्ट्र कोरोना लॉकडाउन महामारी

महाराष्ट्र: कोरोना महामारी की मार से त्रस्त सोनगीर के बर्तन कारीगर

महाराष्ट्र में धुले के करीब सोनगीर तांबे और पीतल के बर्तनों के लिए देश भर में जाना जाता है। करोना संक्रमण के कारण सख्त लॉकडाउन और मंदी के कारण यहां पिछले एक साल से काम प्रभावित हुआ है। वहीं, बरसात के दिनों में तांबा काला पड़ने से कारीगरों द्वारा बर्तन बनाने का काम रोक दिया …

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काजू किसान मौसम महाराष्ट्र

महाराष्ट्र: साप्ताहिक बाजारों पर पाबंदी से इस सीजन काजू की खरीद बंद, आफत में किसान

सिंधुदुर्ग/सांगली: कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार द्वारा लगने वाले साप्ताहिक बाजार बंद करने के बाद काजू के लिए प्रसिद्ध कोंकण के काजू उत्पादक किसान इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। वजह है कि यही समय होता है जब काजू के बीजों की बिक्री और खरीदी की जाती है। …

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लॉकडाउन कोरोना सब्जी कोल्हापुर

‘खेतों में जानवर खा रहे सब्जियां, हम क्या खाएं!’

कोल्हापुर: महाराष्ट्र के पश्चिम की ओर कर्नाटक से सटे कोल्हापुर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर हसुर गांव में नामदेव पाटिल ने इस बार अपने खेत के आधा एकड़ खेत हिस्से में भिंडी और ग्वारी जैसी सब्जियां उगाई थीं। लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर में वायरस के बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए …

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क्या बढ़ रहा है किसान आंदोलन का कैचमेंट एरिया?

किसान आंदोलन को नब्बे दिनों से अधिक का समय बीत गया है। इस दौरान कुछेक मौके ऐसे आए जब ये दावे किए गए कि किसान आंदोलन कमज़ोर पड़ने लगा है। इन दिनों एक बार फिर कहीं-कहीं से यह बात सुनाई दे रही है कि दिल्ली सीमा स्थित सिंघु, टिकरी और गाजीपुर धरना-स्थलों पर लोगों की …

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शिक्षा में बदलाव के लिए कुछ खिड़कियां खुली हैं

संविधान के मुताबिक ‘लोकतांत्रिक गणराज्य’ बनाने के लिए बराबरी, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुता मूलभूत मूल्य हैं। लेकिन शिक्षा व्यवस्था गैर-बराबरी और भेदभाव की बुनियाद पर खड़ी की गई है जबकि सबको समतामूलक शिक्षा मुहैय्या करना संवैधानिक तकाज़ा था। विडंबना है कि जितनी परतों में समाज बंटा हुआ था उतनी ही परतों में बंटी शिक्षा व्यवस्था …

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