अफ़ग़ानिस्तान
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि ये गुड तालिबान है या बैड तालिबान
“गुड तालिबान, बैड तालिबान, गुड टेररिज़्म, बैड टेररिज़्म ये अब चलने वाला नहीं है। हर किसी को तय करना पड़ेगा…
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राय
खासा जवान की याद में विश्वजीत रॉय की कविता
तारीख का एक बेमिसाल सूरत हाल — गोरे तहजीब का मसीहा अपने दुम छुपा कर भाग रहे, और लाल-हरा-जाफरानी परचम…
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