झारखंडताज़ातरीन

एक साल का वक़्त गुजरा पर स्वामी अग्निवेश के ऊपर हमला करने वाला एक भी आरोपी पकड़ा नहीं गया

राँची: 80 साल के स्वामी अग्निवेश के ऊपर जब पिछले साल झारखंड के पाकुड़  में जान लेवा हमला हुआ था तो लगा झारखंड की रघुबर दास सरकार दोसियों को जल्द सजा दिलवाएगि। पर एक साल गुजर जाने के बाद भी इस हाइ प्रोफ़ाइल मामले में कोई आरोपी नहीं पकड़ा जाना सरकार के मन्सा पे ही सवाल खड़ा करता है के सरकार दोसियों को सजा दिलाने को लेकर गंभीर है भी या नहीं।

पिछले साल 16 जुलाई को सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश, जो पाकुड़ में आदिवासी मुद्दो पर एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे, बहुत बुरी तरह से मारा-पीटा गया था। स्वामी अग्निवेश, को शरीर में कई जगह गंभीर छोटे आई थी। जिसके बाद उनका पहले रांची, फिर दिल्ली में इलाज चला।

स्वामी अग्निवेश के मोब लिंचिंग उस दिन हुआ जिस दिन सूप्रीम कोर्ट ने पार्लियामेंट को एक अलग कानून लाने को बोला था।

पर इन सबके बावजूद मामले में कोई कारवाई नहीं हुयी अब तक।

अग्निवेश के सचिव मनोहर मानव ने रांची में एक प्रेस वार्ता कर ये बाते कही। मनोहर ने बताया के जब से उनके साथ मार-पीट की घटना हुयी है। स्वामी जी की  तबीयत सही नहीं रहती। आजकल वो कोएम्बाटूर में रह कर अपना इलाज करा रहे हैं।

स्वामी अग्निवेश हरयाणा विधान सभा से विधायक रह चूके हैं, उन्होने बंधुआ मजदूरी को खतम करने को लेकर बहुत काम किया है। और वो आर्य समाज के इंटरनेशनल प्रेसिडेंट भी रहे हैं।

हाइकोर्ट में याचिका दायर

सचिव मनोहर ने आगे कहा के चूके सरकार कारवाई नहीं करना चाहती दोसियों पर और झारखंड में अग्निवेश जैसे और भी बहुत से लोग जो लोकतन्त्र की रछा करने का काम करते हैं पे राज्य सरकार ने कारवाई की है इसलिए अब हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी है। जहां से निष्पक्छ निर्णय लिया जाएगा।

राज्य खतरे में

मौके पर मौजूद आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्छ प्रेमचंद मुर्मू ने कहाँ के देश खतरे मे है और राज्य भी इससे अछूता नहीं है। संविधान प्रदत्त प्रावधानों की धज्जिया उड़ाई जा रही है। और देश आरएसएस के विधान से चल रहा है।

उन्होने ये भी कहा की राज्य में अभी तक पेसा कानून लागू नहीं हुआ है। अब ऐसा प्रतीत होता है के सरकार चाहती ही नहीं की पेसा कानून लागू हो, क्यूके इससे सारे अधिकार ग्राम सभा को चले जाएंगे।

झारखंड में पेसा कानून को लागू करने को लेकर आदिवासियो द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन पथलगाड़ी करने वालों पर रघुबर दस सरकार ने सिर्फ तीन प्र्खंडो में 30000 से ज्यादा आदिवासियो पर देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज कर दिया है।

Shahnawaz Akhtar

is Founder of eNewsroom. He brings over two decades of journalism experience, having worked with The Telegraph, IAS, DNA, and China Daily. His bylines have also appeared in Al Jazeera, Scroll, BOOM Live, and Rediff, among others. The Managing Editor of eNewsroom has distinct profiles of working from four Indian states- Jharkhand, Madhya Pradesh, Rajasthan and Bengal, as well as from China. He loves doing human interest, political and environment related stories.

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