झारखंड

झारखंड में इमाम की मॉब लिंचिंग! एक महीने में देश भर में 7वीं घटना

पुलिस शहाबुद्दीन की मौत को एक्सिडेंट मान रही, मृतक के सर में गंभीर चोट के निशान, एफ़आईआर में लाठी-डंडे से पीट-पीट कर ह्त्या का पत्नी का दावा

रांची: देश में और ख़ासकर झारखंड में, मॉब लिंचिंग की घटना रुक ही नहीं रही है, ख़ासकर मुसलमानों के खिलाफ। इतवार को कोडरमा के मोहम्मद शहाबुद्दीन, जो बरकट्ठा, हजारीबाग में इमाम थे और अपने घर को लौट रहे थे, के एक एक्सिडेंट के बाद दाढ़ी-टोपी देख कर इतना मारा गया कि हॉस्पिटल पहुँचने से पहले उनकी मौत हो गईं।

शहाबुद्दीन (52 वर्ष) की पत्नी, असगरी खातून (रघुनियोंडीह की निवासी) ने बरकट्ठा थाना में आवेदन देकर घटना के बारे में लिखा: मेरे पति, 30 जून को सुबह आठ बजे मोटरबाइक से अपने मस्जिद (बसरामों, बरकट्ठा) से घर को आ रहे थे। कटिया के पास एक औरत अनीता देवी को उनके बाइक से टक्कर लग गयी, जिससे उसके हाथ और नाक में चोट आई। अनीता पास की ही रहने वाली थी और उसने चिल्ला-चिल्ला कर अपने परिजनों और कुछ लोगों को बुला लिया। जिसमें उसके पति महेंद्र यादव, भैसुर रामदेव यादव और पास के मैदान में क्रिकेट खेल रहे लड़के भी थे, ने लाठी-डंडों से मार कर हत्या कर दिया।

असगरी खातून ने अपने एफ़आईआर में 10 सेकंड के एक विडियो क्लिप को भी संलग्न किया है जिसमें, थाना प्रभारी राजेश भोक्ता और एसआई रमेश हजाम बोल रहें हैं कि यही तो मारबे किया है, इसे पकड़ो।

घटना का एफ़आईआर आज जुलाई 2 को बरकट्ठा थाना में दिया गया।

“उनके सर पे बहुत गहरी चोट थी, आँख एकदम काला हो गया था और बहुत ज्यादा फुला हुआ था आँख के पास। उनके नाक से खून बह रहा था। लेकिन जिस्म के दूसरे हिस्से में कोई चोट नहीं दिखा। उन्हें शायद बैट और विकेट से सर पर ज़ोर से मारा गया था,” शहाबुद्दीन के बड़े बेटे मोहम्मद परवेज़ ने ईन्यूज़रूम को बताया।

परवेज़ ने आगे बताया, “एक जो सबसे अहम बात घटना के बारे में पता चला वो ये है कि, उनकी दाढ़ी-टोपी को देख कर उन्हें बुरी तरह मारा गया, उम्र का भी लिहाज़ नहीं किया गया। जबकि हमें ये भी सूचना मिली कि औरत को बहुत ज्यादा चोटें नहीं आई थी।”

सीपीआईएमएल के विधायक विनोद सिंह ने ईन्यूज़रूम को बताया कि, “जो भी घटना हुई है, कम से कम वह महिला प्रत्यक्ष दर्शी है इसलिए, पुलिस को सबसे पहले उनसे पूछताछ करना चाहिए। और अब चूंकि मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है इसलिए, जो नाम दिये गए हैं उनकी भी पूछताछ होनी चाहिए।”

वहीं पुलिस इसे एक्सिडेंट की घटना मान रही है।

सब डिवीज़नल पुलिस अधिकारी सुरजीत कुमार ने ईन्यूज़रूम को बताया, “मैं और पुलिस अधीक्षक खुद घटना स्थल पर गए थे और महिला से भी बात की। ये एक रोड एक्सिडेंट था और शहाबुद्दीन हेलमेट नहीं पहने हुए थे, जिससे उनके बाइक तीखे मोड़ से फिसला और औरत को भी लगा, साथ ही उनके सर पर चोट लगी थी। पास के बच्चों ने बताया कि वो फोन पर बात कर रहे थे, जिस वक़्त घटना हुई। पुलिस भी घटना स्थल के पास थी, इसलिए वो तुरंत वहाँ पहुँच गई। अगर ये मॉब लिंचिंग की घटना होती तो पुलिस को वहां भीड़ मिलती। विडियो में मारने वाले की जो बात हो रही है वो, ऑटो वाले के बारे में हो रही है कि शायद उसने ही एक्सिडेंट किया था।”

इधर सामाजिक संस्था झारखंड जनाधिकार महासभा ने भी ट्वीट कर मांग की है कि पुलिस मामले को एक्सीडेंट दिखा रही है, पर ये मामला धार्मिक आधार पर मॉब लिंचिंग का है। और मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन को टैग कर न्यायसंगत कार्रवाई करने की मांग की है।

देश में बीजेपी शासित एनडीए के तीसरे कार्यकाल शुरू हुए प्रथम माह में ये 7वीं मॉब लिंचिंग की घटना है। इससे पहले छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बंगाल में घटनाएँ हुई हैं।

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