झारखंड सरकार ने पढ़ने वाली लड़कियों के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत 40 हज़ार देने की घोषणा की

गिरिडीह से सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने, माईका उद्योग को भी व्यवस्थित करने का वादा किया पर मुख्यमंत्री के प्रवास में संभावित नक्सली और दूसरे संगठन के ख़तरों के साथ मुस्लिम क्रियावादी संगठनों को भी खतरा बताया गया तो इस पर विवाद हो गया

Date:

Share post:

गिरिडीह: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार जिसने पिछले छह महीने में कई सारे महत्वपूर्ण फैसले लिए, ने आज एक और योजना- सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि की शुरुआत की जो पढ़ने वाली लड़कियों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

इसके तहत कक्षा 8वीं एवं 9वीं में ₹2,500, कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं में ₹5-5 हजार एवं 18-19 वर्ष की आयु की किशोरी को एकमुश्त ₹20,000 की सहायता राशि दी जाएगी।

सरकार का मानना है कि करीब 9 लाख किशोरियों को इस योजना से लाभ होगा।

सावित्रीबाई, भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवियत्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है। उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की भी स्थापना की थी।

“कल अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस था। यह खुशी की बात है कि आज से राज्य की लाखों बेटियों को सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा जा रहा है। 8वीं कक्षा से 18-19 वर्ष आयु तक की बेटियों को कुल रु 40,000 की सहायता राशि प्रदान की जायेगी,” मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरिडीह में कहा।

हेमंत सोरेन आज गिरिडीह में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत के लिए आए थे।

“लोगों को हक-अधिकार देने तथा ग्रामीण व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु आज से राज्यभर में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शुरू हो रहा है। आप सभी से आग्रह है आपके क्षेत्र में लगने वाले शिविरों में पहुंचकर योजनाओं का लाभ लें तथा दूसरों को भी प्रेरित करें,” मुख्यमंत्री ने कहा।

हेमंत सोरेन ने आगे कहा, “‘आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के नाम से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार का उद्देश्य और मंशा क्या है। योजनाओं की गठरी बांध- बांध कर पदाधिकारी आपके दरवाजे पर नजर आएंगे। बस आपको उस योजना को अपने घर ले जाना है, ताकि आप उसका लाभ ले सकें।”

झारखंड सरकार आपके द्वार sarkar apke dwar hemant soren
गिरिडीह में लोगों का अभिनंदन स्वीकार करते हेमंत सोरेन | साभार: झारखंड सीएमओ

और ये भी बताया कि वो खुद इस कार्यक्रम की समीक्षा करेंगे, “जो कार्य जिला और ब्लॉक कार्यालय में होता था। वह कार्य सरकार आपके द्वार के माध्यम से आपके गांव पंचायत में होगा। पदाधिकारियों को सख्त निर्देश के साथ आपके बीच में भेजा जा रहा है। कमियों को दूर किया जाएगा। किसी तरह की लापरवाही नहीं होगी। मैं इसकी समीक्षा करूंगा।”

बहुत जल्द झारखंड के हर ज़िले में एक मॉडल स्कूल के स्थापना पर काम हो रहा उसकी भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने माइका उद्योग की समस्याओं को भी सुना और कहा कि, “मंत्रिपरिषद से माइका उद्योग की समस्या के समाधान के लिए आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया है। बहुत जल्द माइका उद्योग की व्यवसायिक व्यवस्था कैसे स्थापित हो। उसे सामने लाने जा रहें हैं।”

नई योजना, कार्यक्रम और अपने सरकार के काम गिनाने के साथ हेमंत सोरेन अपने भाषण में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, जिंका गिरिडीह पैतृक ज़िला है पर तंज़ करना भी नहीं भूले।

“उन्होने कहा साथ चुनाव लड़ते हैं। मैं नाम नहीं लेना चाहूँगा, पर मैंने उनके (बाबूलाल) लिए हर जगह प्रचार किया पर वो नहीं जीत पाए, वो एमपी के चुनाव में भी हार गए और एमएलए में दो जगहों से नहीं जीत पाए, तो मैं क्या करूँ, अब मुझे चैलेंज करते हैं,” हेमंत सोरेन ने कहा।

केंद्र की भाजपा सरकार पे आरोप लगाया कि पेंशन के लिए पैसे झारखंड को नहीं दिये। “मैंने प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को कहा झारखंड में बहुत गरीबी है, हमें पैसे दीजिये पेंशन के लिए, पर प्रधानमंत्री जी ने नहीं सुना। पर हमलोगों ने सर्वजन पेंशन की शुरुआत कर दी है, अब कोई एपीएल-बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे या ऊपर) की बात नहीं होगी, बल्कि सबको पेंशन मिलेगा।”

और ये भी बताया कि कार्यक्रम में भाजपा के सभी विधायक-सांसद को न्योता दिया गया था पर कोई नहीं आए।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता, झारखंड मुक्ति मोर्चा के गाण्डेय विधायक सरफराज अहमद, गिरिडीह के सुदिव्य सोनू और बगोदर के सीपीआईएमएल विधायक विनोद सिंह मौजूद थे।

पर हेमंत सोरेन का दौरा तब विवाद में आ गया, जब गिरिडीह के उपायुक्त कार्यालय से जारी नोटिफ़िकेशन में मुख्यमंत्री के प्रवास में संभावित नक्सली और दूसरे संगठन के ख़तरों के साथ मुस्लिम क्रियावादी संगठनों को भी खतरा बताया गया तो इस पर विवाद हो गया। कई लोग, जिनमें पार्टी के विधायक सरफराज अहमद और पूर्व काँग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने भी आपत्ति जाता दी। बाद में इस नोटिफ़िकेशन को बदला गया।

spot_img

Related articles

‘She Is Too Hurt’: AYUSH Doctor May Not Join Service After Nitish Kumar Hijab Incident

Patna/Kolkata: AYUSH doctor Nusrat Parveen has decided not to join government service, for which she had recently received...

From a Kolkata Ghetto to Serving India: How SR Foundation Became a Humanitarian Movement

Born during the 2020 COVID lockdown in Kolkata’s Topsia, SR Foundation grew from a Rs 7,500 hunger-relief effort into a multi-state humanitarian NGO. From cyclone relief in Bengal to Punjab floods, members ensured transparency by even paying travel costs themselves so every donated rupee reached victims.

बिहार में मोहम्मद अतहर हुसैन की मॉब लिंचिंग और नीतीश कुमार

बिहार के नालंदा में 50 वर्षीय कपड़ा विक्रेता मोहम्मद अतहर हुसैन की बर्बर तरीके से आठ हिंदू आतंकवादियों...

৬ ডিসেম্বর, আবেগ আর হিকমাহ: মুর্শিদাবাদের নতুন মসজিদকে ঘিরে বড় প্রশ্ন

৬ ডিসেম্বর এমন একটি দিন যা প্রতিটি মুসলিমের হৃদয়ে গভীরভাবে খোদাই হয়ে আছে, বিশেষ করে ভারতের মুসলমানদের হৃদয়ে। ১৯৯২...