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केंद्र सरकार ने हेमंत सोरेन को नहीं, झारखंडियों के स्वाभिमान को जेल में डाला है- कल्पना सोरेन

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कल्पना सोरेन गिरिडीह में अपने भाषण के दौरान रो पड़ी

गिरिडीह: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने अपने पहले जनसभा में भावुक भाषण दिया। और न सिर्फ विपक्ष पे जोरदार प्रहार किया साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं में जोश भी भर दिया। कल्पना ने हेमंत सोरेन को जेल में डालने की तुलना झारखंडियों को स्वाभिमान और आत्मसम्मान को जेल में डालने से की और कहा की इसका जवाब झारखंड की जनता देगी।

कल्पना सोरेन, गिरिडीह में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 51वें स्थापना दिवस समारोह में वो बोल रही थी।

31 जनवरी को हेमंत सोरेन को ईडी ने जमीन से जुड़े एक मामले को लेकर गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

तब से ये कयास लगाया जा रहा था कि, कल्पना सोरेन सक्रिय राजनीति में आयेंगी। हेमंत सोरेन के निजी एक्स (ट्वीटर) हैंडल के जरिये वो अपनी बात कह रही हैं। आज जब वो गिरिडीह के झण्डा मैदान में आम लोगों के बीच अपना पहला भाषण देने आने वाली थी तो उससे पहले मारंग बुरु की पूजा भी की। कल्पना जैसे स्टेज पे आई तो उपस्थित भीड़ ने कल्पना सोरेन मत घबराना के नारे लगाए।

भावुक कल्पना अपने भाषण के शुरू मे रो पड़ी और में कहा, “मेरे सास की तबीयत खराब है और मैंने सोचा था, मैं रोऊंगी नहीं पर आपका प्यार देख कर में अपने आप को रोक नहीं पायी।”

और आगे कहा, “कल 3 मार्च को मेरा जन्म दिन था, मुझे उनसे मिलने का समय मिला था, और जो शब्द आज आप लोग बोल रहे हैं, कल्पना सोरेन मत घबराना, यही बात कल उनहोंने मेरे कंधे पे हाथ रख कर बोला, कल्पना मत घबराना। अभी तो मैं सिर्फ जेल में हूँ, लेकिन ज़िंदा हूँ।”

कल्पना सोरेन ने ये भी कहा कि चूँकि हेमंत सोरेन झुके नहीं इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा।

“झारखंड और झारखंडी कभी झुकेगा भी नहीं,” कल्पना ने कहा।

पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी जो जल्द चुनाव लड़ सकती हैं, ने अपने भाषण में हेमंत सोरेन को जेल भेजे जाने पे सवाल भी उठाया?

2019 के चुनाव में हेमंत जी की सरकार को बहुमत मिला और जिस दिन से झारखंडी सरकार बनी, उसी दिन से सरकार को गिराने का षड्यंत्र शुरू हो गया, कल्पना ने कहा और पूछा,

“क्या है हेमंत सोरेन जी का अपराध? क्या झारखंड का एक लाख छत्तीस हज़ार करोड़ पैसा केंद्र सरकार से वापस मांगना ये अपराध है? क्या विधान सभा द्वारा पारित 27 प्रतिशत आरक्षण मांगना, ये अपराध था? क्या सरना कोड मांगना, ये अपराध था, कोविड में गरीब-मजदूर जिन्हे उनके हाल पे छोड़ दिया गया था, उन्हें बस, ट्रेन या हवाई जवाज़ से लाना अपराध था। किसानों के ऋण मांफ़ करना ये अपराध है?”

और फिर लोगों से आशीर्वाद भी मांगा, “आपने यहाँ इतना सम्मान दिया है कि ये बहू अब आपकी बेटी बनने के लिए तैयार है”।

कल्पना ने सभा में उपस्थित लोगों को संथाली भाषा में भी संबोधित किया।

कार्यकर्म में झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, मंत्री हफिजूल हसन और जेएमएम के राज्यसभा सांसद महुआ मांझी, कई विधायकगण- मथुरा महतो, सुदिव्य कुमार सोनू, पूर्व विधायक सरफराज अहमद, जयप्रकाश वर्मा और निज़ामुद्दीन अंसारी शामिल रहे।

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