राय
-
क्या कांग्रेस का घोषणापत्र मुस्लिम लीग की सोच को प्रतिबिंबित करता है?
गत 4 अप्रैल 2024 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया. पार्टी ने…
Read More » -
चुनावी बॉन्ड स्कीम: एक अद्वितीय घोटाला-कथा
भाजपा सरकार ने 2017 में तमाम विपक्षी दलों के विरोध और चुनाव आयोग तथा रिज़र्व बैंक की मनाही के बावजूद…
Read More » -
बिना शर्त नागरिकता खत्म: सीएआर, 2024 एक खतरनाक कदम है
11 मार्च, 2024 को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित नागरिकता संशोधन नियम, 2024 (सीएआर, 2024) एक साथ, सांप्रदायिक, बहुसंख्यक…
Read More » -
ब्राजील से बंगाल तक: सर्जियो मोरो और अभिजीत गंगोपाध्याय के विवादों में समानताएं
सर्जियो मोरो और अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच क्या समानताएं हैं? ब्राज़ीलियाई न्यायाधीश की तरह, अभिजीत गंगोपाध्याय तथाकथित ‘भ्रष्टाचार’ के खिलाफ…
Read More » -
आधार नंबर होने से लेकर पहचान खोने तक: क्या आपका भी आधार निष्क्रियकरण हो सकता है?
“चन्द्र: “तुम अपना काम कब तक ख़त्म करोगे?” बिशु: “दिन का अंत कलम से नहीं लिखा जाता। एक दिन के…
Read More » -
जादवपुर विश्वविद्यालय रैगिंग: ग्राम्शी और फौकॉल्ट के आलोक में एक सैद्धांतिक विश्लेषण
हाल ही में, हमें पता चला है कि जादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग के परिणामस्वरूप एक दुखद घटना घटी है। यह…
Read More » -
पहचान की राजनीति और भारत रत्नः पुरस्कार विजेताओं की प्रतिबद्धताओं में एक गहरी डुबकी
दिवंगत प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन को दिए जाने वाले भारत रत्न पुरस्कार का सभी…
Read More » -
सीतारमण ने यूपीए पर हमला करते हुए श्वेत पत्र जारी किया, लेकिन आंकड़े अलग कहानी ब्याँ कर रहे
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज “भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र” जारी किया है, जो कथित तौर पर “राजनीतिक…
Read More » -
चुनाव और भारतीय मुसलमानों के समक्ष विकल्प
जैसे-जैसे 2024 के आमचुनाव नजदीक आ रहे हैं, कुलीन वर्ग के कुछ मुसलमान अपने समुदाय से अपील कर रहे हैं…
Read More » -
‘भारत के विचार’ का भविष्य: क्या साम्प्रदायिक ताकतें हावी होंगी?
कई राज्यों में राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक अनेक बार कह चुके हैं कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में…
Read More »